पंजाब के किसानों के दरवाजे खटखटाएगी आप !

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10 दिवसीय जन-संपर्क कार्यक्रम की घोषणा

चण्डीगढ़ :  आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब के किसानों व खेत-मज़दूरों के साथ 10 दिवसीय जन-संपर्क कार्यक्रम की घोषणा की है, जिस दौरान उन्हें यह बताया जाएगा कि 2017 में राज्य के अन्दर पार्टी की सरकार स्थापित होने के पश्चात् उन्हें ऋण के शिकंजे से बाहर कैसे निकाला जाएगा।

 

29 अक्तूबर से अभियान शुरू

 

यहां एक साझी प्रैस कान्फ्ऱेंस को संबोधन करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा पंजाब से संबंधित मामलों के पार्टी प्रभारी संजय सिंह, पंजाब के संयोजक गुरप्रीत सिंह वड़ैच, पंजाब डायलॉग के मुख्य कंवर सन्धु तथा कानूनी सैल के मुख्य हिम्म सिंह शेरगिल ने बताया कि 29 अक्तूबर से पार्टी समस्त राज्य में किसानों व खेत-मज़दूरों के साथ बड़े स्तर पर जन-संपर्क कार्यक्रम प्रारंभ करेगी।

 

चुनाव घोषणा पत्र की देंगे जानकारी

 

पार्टी नेताओं ने कहा,‘‘29 अक्तूबर से प्रारंभ हो कर 7 नवम्बर तक अर्थात 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों व खेत-मज़दूरों को हमारे चुनाव घोषणा पत्र अर्थात मैनीफ़ैस्टों संबंधी जानकारी देना होगा कि हम ने 31 दिसम्बर 2018 तक उनके बकाया ऋण माफ़ करने की प्रतिबद्धता कैसे की है।’’

वड़ैच ने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पंजाब में इस समय ऋण-माफ़ी से संबंधित कुछ फ़ार्म सभी को बांट कर किए जा रहे ग़लत व भ्रामक प्रचार का पर्दा फ़ाश आम आदमी पार्टी की ओर से किया जाएगा।

 

कांग्रेस की खोलेंगे पोल

 

वड़ैच ने बताया,‘‘कांग्रेस पार्टी की धोखाधड़ी को स्पष्ट रूप से समझने हेतु उस द्वारा वितरित किए जा रहे फ़ार्मों को ध्यानपूर्वक पढ़ने की आवश्यकता है। कांग्रेस इन फ़ार्मों में कह रही है कि वह ऋण माफ़ी का समर्थन करेगी परन्तु उसने कहीं यह नहीं बताया कि पार्टी उस स्थिति में वास्तव में ही यह कुछ करेगी या नहीं, यदि वह 2017 में सत्तासीन होती है।’’ वड़ैच ने दोनों राजनीतिक पार्टियों द्वारा वितरित किए जा रहे फ़ार्म मीडिया को दिखलाये तथा उनकी तुलना की।

 

किसानों के साथ प्रतिबद्धता

 

वड़ैच ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने घोषणा पत्र व फ़ार्मों में स्पष्ट तौर पर पंजाब के किसानों के साथ यह प्रतिबद्धता की है कि एक बार सत्तासीन होने के पश्चात् पंजाब के किसानों का ऋण दिसम्बर 2018 तक माफ़ कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी ने अपनी किसी भी योजना, नीति या कार्यक्रम को प्रकट नहीं किया है कि वह किसानों के ऋण वास्तव में माफ़ कैसे करेगी; जबकि आम आदमी पार्टी ने बहुत स्पष्ट ढंग से यह परिभाषित किया है कि ऐसा सर छोटू राम कानून के अंतर्गत किया जाएगा।

 

किसान विरोधी आरोप

 

वड़ैच ने कहा कि यदि कांग्रेस सचमूच ही आत्महत्याएं कर रहे किसानों के दुःखों को लेकर इतनी अधिक गंभीर है, तब उस समय पंजाब के कृषकों को कोई राहत क्यों प्रदान नहीं की गई, जब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह स्वयं सत्ता में थे तथा सोनिया गांधी व डॉ. मनमोहन सिंह 10 वर्षों तक केन्द्र में सत्तासीन रहे थे।

वड़ैच ने कहा कि इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी वह एम.एस. स्वामीनाथन रिपोर्ट को क्रियान्वित करने में असफ़ल रही थी, जिसमें इस तथ्य पर बहुत स्पष्ट रूप से बल दिया गया था कि किसानों को अवश्य ही उनकी कृषि लागत इनपुट्स पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए।

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