नई दिल्ली। पांच बार की चैंपियन एमसी मेरीकॉम (48 किग्रा) ने मंगलवार को दसवीं एआईबीए महिला विश्व चैंपियनिशप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इसके साथ ही 35 साल की भारत की सुपर स्टार बॉक्सर मेरीकॉम ने वर्ल्ड चैंपियनिशप में अपना सातवां पदक पक्का कर लिया। मेरीकॉम के अलावा लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने अंतिम चार में प्रवेश किया। इससे भारत का विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 की मेजबानी में ही रहेगा, जिसमें देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य से कुल आठ पदक अपनी झोली में डाले थे।
केडी जाधव हाल में रिंग में उतरीं चार भारतीय मुक्केबाज दुर्भाग्यशाली रहीं। युवा मुक्केबाज मनीषा मौन (54 किग्रा) को 2016 विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1-4 से, भाग्यवती काचरी (81 किग्रा) को कोलंबिया की जेसिका पी सी सिनिस्टरा से 2-3 से, तीसरी विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही पिंकी रानी (51 किग्रा) को जकार्ता एशियाई खेलों की रजत पदकधारी उत्तर कोरियाई चोल मि पांग से 0-5 से, जबकि सीमा पूनिया (81 किग्रा से अधिक) को पिछली दो बार की विश्व चैंपियन चीन की यांग जियोली से 0-5 से पराजय का मुंह देखना पड़ा।
पांच बार की विश्व चैंपियन मेरीकॉम ने दिन की शुरुआत चीन की यू वु पर 5-0 (30-27, 29-28, 30-27, 29-28, 30-27) की शानदार जीत से की, अब वह गुरुवार को उत्तर कोरिया की हयांग मि किम से भिड़ेंगी, जिन्हें उन्होंने पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में हराया था। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मेरीकॉम ने अपने चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए चीनी मुक्केबाज को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया।
विश्व चैंपियनशिप में छह पदक जीत चुकीं मेरीकॉम आत्ममुग्ध होने से बचना चाहती हैं और एक बार में एक ही मुकाबले पर ध्यान लगा रही हैं। उन्होंने मुकाबले के बाद कहा, ‘मैं रिंग में ध्यान भंग नहीं होने देती, जिससे फायदा मिलता है। मैं उसे देखकर उसके खिलाफ खेल रही थी। चीन की मुक्केबाज काफी मजबूत हैं, लेकिन उसके खिलाफ यह मेरा पहला मुकाबला था।’