ई-बोली में अधिकारियों मंत्रियों के बीच हुई घपलेबाजी

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फरीदाबाद : ई-बोली में अधिकारियों और मंत्रियों के बीच हुई घपलेबाजी का मामला अब तूल पकडता हुआ नजर आ रहा है। जिसको लेकर सैकड़ो कॉग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय पर  भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए डीसी के माध्यम से गवर्नर के नाम ज्ञापन सोंपा। जिसमे इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की।
पहली बार प्रदेश में हुई ई – नीलामी प्रक्रिया अधिकारियों और मंत्रियों की मिली भगत के चलते विफल हो गई है जो कि सरकार के लिये शर्मनाक है। जिसपर पूर्व विधायक आनंद कौशिक और कांग्रेस नेता विकास चौधरी ने आरोप लगाया है कि रद्द की गई ई बोली में अधिकारियों और मंत्रियों ने मिलकर करोडों का घोटाला किया है, अरोप है कि नीलामी एक मंत्री के भतीजे को प्लॉट न मिलने पर रद्द की गई है।

 

ई- गर्वनेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार के मुंह पर उन्हीं के अधिकारियों और मंत्रियों ने अपने फायदे के लिये करारा तमाचा जडा है, भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई ई- बोली, नीलामी शुरू होते ही फेल हो गई है, जिसका जिम्मेदार कोई और नहीं अधिकारी और मंत्रियों को बताया जा रहा है। इसी विरोध में आज फरीदाबाद लघुसचिवालय पर कांग्रेस के सैकडों कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और डीसी के माध्यम से हरियाणा के गवर्नर के नाम ज्ञापन सोंपा। जिसमें इस पूरे मामले की जाँच किसी न्यायधीश से करवाने की मांग की है, वहीं कांग्रेसियों की मांग है कि जब तक इस मामले की जाँच पूरी नहीं हो जाती सभी दोषी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया जाये ताकि वह इस जांच में किसी प्रकार की बाधा न डाल सके।

 

प्रदेश में पहली बार शुरू हुई ई- बोली अधर में लटकी हुई नजर आई, फरीदाबाद में ऐसा पहली बार ही हुआ है कि हुड्डा द्वारा पहली बोली बुलवाने के बाद नीलामी रद्द कर दी गई हो। जिसको लेकर फरीदाबाद की राजनीति में नया मोड आ गया है, विपक्ष सरकार की ई- प्रणाली और भ्रष्ट्राचार मुक्त प्रशासन की दुहाई देने पर सबाल उठा रहा है।
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