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केन्द्रीय मंत्री ने कहा : आज वे जवाबदेही तय करने नहीं बल्कि कमियों का जायजा लेने आए हैं
कानूनी व तकनीकि अडचनों का बहाना बनाकर अधिकारियों का बचाव कर गए
बादशाहपुर ड्रेन का निर्माण नहीं होने के लिए आम लोगों को जिम्मेदार ठहराया
अधिकारियों ने कई योजनाओं का सब्जबाग दिखा कर मंत्री को सुनहले भविष्य की सैर करा दी

हीरो होंडा चौक पर मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा जब राव इंद्रजीत सिंह से पूछा गया कि इस जलभराव के लिए किसकी जवाबदेही तय की जाएगी, तो उन्होंने जवाब में कहा कि आज वे जवाबदेही तय करने नहीं बल्कि कमियों का जायजा लेने आए हैं. उन्होंने दोहराया कि उन कमियों को अगले साल तक दूर करवाने की कोशिश करेंगे ताकि अगले वर्ष बरसात के मौसम में यहां जलभराव ना हो। यानी केन्द्रीय मंत्री जो यहाँ के सांसद भी है ने साफ़ कह दिया कि इस वर्ष तो जनता को झेलना ही पड़ेगा , व्यवस्था में सुधार के लिए लोगों को अगले वर्ष इसी मौसम का इन्तजार करना पडेगा. 

एक अन्य सवाल के जवाब में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हीरो होंडा चैक पर जलभराव रोकने के लिए बादशाहपुर ड्रेन के विस्तार का कार्य जितनी गति से पूरा होने की उम्मीद थी, उस गति से नहीं हो पाया। इसके पीछे के कारणो के बारे में जब उनसे पूछा गया तो राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बादशाहपुर ड्रेन को चौड़ा करने के रास्ते में जिन लोगों के घर अथवा प्लाट आ रहे थे, वे कोर्ट में चले गए जिसके कारण इस कार्य को पूरा करने में देरी हुई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अतिरिक्त पंप सैट आदि लगाने सहित सभी प्रबंध करने के उपरांत भी बादशाहपुर ड्रेन की क्षमता 700 क्यूसिक हो पाई है जबकि पहले इसकी क्षमता 500 क्यूसिक ही थी। उन्होंने दावा किया कि बादशाहपुर ड्रेन को चैड़ा करने का कार्य पूरा होने के बाद इसकी क्षमता बढकर 1750 क्यूसिक हो जाएगी।

गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी उमाशंकर ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का कहना है कि अंडरपास में बरसात के पानी की निकासी के लिए आॅटोस्टार्ट पंपसैट लगे हुए हैं परंतु किसी कारणवश वे पंप चल नही पाए, हालांकि माॅक टैस्ट में वे पंप चलाकर देखे गए थे। इसके अलावा, सैक्टर 34 में भी एनएचएआई द्वारा लगाया गया बादशाहपुर डेªन को कनैक्ट करने वाला पंपसैट भी नहीं चला। उमाशंकर ने कहा कि अंडरपास में लाईटिंग और डेªनेज दोनो का कार्य जीएमडीए अपने हाथ में लेगा ताकि जिम्मेदारी एक ही ऐजेंसी की रहे, परंतु इससे पहले एनएचएआई को उसके द्वारा किया जाने वाला कार्य पूरा करके देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि पानी निकासी के वैकल्पिक प्रबंधो के अंतर्गत एसपीआर तथा द्वारका एैक्सप्रैस-वे के साथ-साथ भी डेªन बनाने की योजना है जो आगे चलकर बादशाहपुर ड्रेन में मिलेगी।

राव इन्द्रजीत सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे प्रबंध करें कि भविष्य में गुरुग्राम में कहीं भी जलभराव की स्थिति पैदा ही ना हो। इसके लिए उपरी हिस्सों में ही चैकडैम बनाए जाएं। इस पर सिंचाई विभाग तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि वजीराबाद, सिकंदरपुर घोषी तथा गांव घाटा के पास जलाशय बनाने की योजना है ताकि उपरी हिस्सों का बरसाती पानी बादशाहपुर डेªन में आने की बजाय इन जलाशयों में एकत्रित हो जाए। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इन जलाशयों को जल्द बनाया जाए। इसके अलावा, सुलतानपुर झील में भी बरसाती पानी डालने की व्यवस्था की जाए। इन उपायों से जहां एक ओर जलभराव से राहत मिलेगी वहीं दूसरी ओर भूमिगत जल भी रिचार्ज होगा।
इस अवसर पर जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी उमाशंकर, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, मेयर मधु आजाद, भाजपा प्रवक्ता रमन मलिक, नगर निगम के एडीशनल म्युनिशिपल कमीशनर वाई एस गुप्ता, मुख्य अभियंता एन डी वशिष्ठ, एसएसवीपी के अधीक्षण अभियंता आर एस बिश्नोई सहित सिंचाई विभाग तथा एनएचएआई के अधिकारी भी उपस्थित थे।