सुप्रीम कोर्ट ने देश के मंदिर, मस्जिद व चर्च की आय व व्यय की जांच करने का आदेश दिया

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जांच के दायरे में सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्‍य धार्मिक स्‍थल व चैरिटेबल संस्थाएं भी होंगे

 सभी जिला मजिस्‍ट्रेट करेंगे जांच , हाई कोर्ट को सौंपेंगे रिपोर्ट 

धार्मिक स्‍थलों के कुप्रबंधन व श्रद्धालुओं के चढ़ावों से संबंधित शिकायतों की भी होगी जांच

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट ने देश के धार्मिक स्‍थलों में सफाई व्यवस्था, इनकी संपत्तियों व इनकी आय व्यय का लेखा-जोखा और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को होने वाली परेशानियों को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. अदालत ने इस संबंध में शिकायतों की जांच का निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसे मामले जनहित याचिका के तौर लिए जा सकते है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ़ कर दिया है कि इस दायरे में सभी मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्‍य धार्मिक स्‍थल व चैरिटेबल संस्थाएं भी होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिला मजिस्‍ट्रेट को धार्मिक स्‍थलों के कुप्रबंधन और श्रद्धालुओं के चढ़ावों के समुचित उपयोग से संबंधित शिकायतों की जांच का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश सभी धार्मिक स्‍थलों पर लागू होगा. इसमें धार्मिक आधार पर किसी तरह का भेद नहीं किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जिला मजिस्‍ट्रेट को इस संबंध में रिपोर्ट सम्बंधित राज्‍यों के हाई कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट की ओर से इन रिपोर्ट्स को जनहित याचिकाओं के तौर पर सुनवाई की जायेगी . मिडिया रिपोर्ट्स के देश में अनुमानतः 20 लाख से अधिक मंदिर हैं, जबकि करीब तीन लाख मस्जिद हैं और चर्च की संख्या भी हजारों में है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल और एस अब्‍दुल नजीर की बेंच ने अपने आदेश में इस पर सख्ती से अमल करने को कहा है.

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