सुभाष चौधरी/प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली/उदयपुर । विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच शनिवार को उदयपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया. मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर गहलोत ने कहा कि “जब चेहरा दस साल सामने रहा है तो अब किस रूप में चेहरे को सामने लाया जाये”.समझा जाता है कि गहलोत ने एक बार फिर स्वयं को सीएम पद के दावेदार के रुप में प्रस्तुत किया है। लोगों में यह चर्चा जोरों पर है कि अगर कांग्रेस चुनाव मेम बाजी मारती है तो गहलोत ही राजस्थान के सीएम होंगे।
गौरतलब है कि गहलोत के इस बयान के बाद पार्टी में इसके अलग-अलग मायने लगाए जा रहे हैं. उदयपुर में सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने अपने पुराने बयान को भी दोहराया कि “मैं थां स्यू दूर नहीं हूं” . यह कह कर सबको एक फिर भफकसा दिलाया कि वे राजस्थान के मामले में अब भी उतनी ही रुचि ले रहे है जितनी कि पहले सीएम के रूप में लेते थे। दूसरी तरफ उह भी स्पष्ट कर दिया कि आने वाले दिनों में जब टिकट बंटवारे की बात आएगी उनकी ही चलेगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट आज कल आस्ट्रेलिया दौरे पर हैं। इस बीच गहलोत का राजस्थान आकर उनका यह बयान देना बेहत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि अंतिम निर्णय तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही लेंगे और सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही स्वयं को राहुल गांधी आया करीबी बताते हैं। एक को राहुल गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है तो दूसरे को पार्टी का संगठन महासचिव। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि वर्तमान में अशोक गहलोत , राहुल गांधी के सबसे करीबी नेता हैं और उनकी सलाह को अहमियत भी देते हैं। गुजरात चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की बात हो या कर्नाटक में देवेगौड़ा के साथ सरकार बना कर कूटनीति में भाजपा को पछाड़ने की घटना अशोक गहलोत की भूमिका बेहद अहम रही है। यह कहना सही होगा कि अशोक गहलोत, राहुल गांधी के संकट मोचक हैं। आजकल देश के किसी भी राज्य में कांग्रेस पार्टी को जब भी कोई संकट आता है तो उससे उबरने में अशोक गहलोत ही लगाए जाते हैं। इसलिए राहुल गांधी उनकी इच्छा को ताल पाएंगे ऐसा माही लगता। हालाकिं राजनीति में किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और फिर 2019 में लोकसभा चुनाव होना है जो कांग्रेस के लिए करो और मरो की घटना होगी। इसमें मैदान मारने के लिए भी राहुल गांधी को अशोक गहलोत की ज़रूरत होगी। अब देखना यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें राष्ट्रीय स्तर मि भूमिक में रखना चाहते हैं या फिर राजस्थान का सीएम बनाना चाहते हैं।