साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल में हरियाणा में 80 हजार करोड़ का निवेश : विपुल गोयल

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चंडीगढ़, 12 जुलाई : हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक राज्य में कुल 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर हो चुका है।

यह जानकारी उन्होंने आज यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

विपुल गोयल ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने चुनाव से पूर्व अपने घोषणापत्र में किये गए सभी वायदों को पूरा किया है, जिसमें उद्योगों को एक छत के नीचे स्वीकृतियां देना और इंस्पेक्टरी राज खत्म करने का काम किया है।
 
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में जहां औद्योगिक प्लॉटों का आवंटन गलत तरीके से किया जाता था, वहीं वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्लॉटों के आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं तथा पारदर्शी तरीके से उनका आवंटन किया जा रहा है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की भेदभाव की नीति के चलते फरीदाबाद में समुचित विकास नहीं हुआ, परंतु वर्तमान सरकार पूरे राज्य में एक समान विकास करवा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2015 हैपनिंग हरियाणा इंवेस्टमेंट सम्मिट और वर्ष 2016 में प्रवासी हरियाणा दिवस का आयोजन किया। जिसमें विश्वभर के निवेशकों ने भाग लिया। इन दोनों कार्यक्रमों के दौरान अनेक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। हैपनिंग हरियाणा कार्यक्रम के दौरान व उसके बाद कुल 494 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन कुल एमओयू में से 173 एमओयू धरातल पर उतारे गए यानि वहां या तो परियोजना पहले ही लागू की जा चुकी है या क्रियान्वयनाधीन हैं। इन मामलों में लगभग 14,314 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश होने के साथ 25,923 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बंदरगाहों से राज्य की दूरी होने के बावजूद निर्यात के क्षेत्र में राज्य का प्रदर्शन सराहनीय है। वर्ष 1967-68 के दौरान राज्य का निर्यात 4.5 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2016-17 के दौरान बढक़र यह निर्यात लगभग 82,566.5 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में हरियाणा 14वें स्थान पर था। प्रदेश में व्यापारिक पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने के लिए हमने प्रदेश में प्रमुख नियामक सुधार किए, जिससे राज्य वर्ष 2016 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 6वें स्थान पर पहुंच गया और सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणाम से आज हरियाणा शीर्ष राज्यों में शुमार होकर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग लगाने के लिए स्वीकृतियां लेने की प्रक्रिया को सरल करने के लिए राज्य सरकार ने औद्योगिक संबंधित सेवाओं को एचईपीसी-सिंगल रूफ मैकेनिज्म के साथ जोडक़र यह सुनिश्चित किया कि स्वीकृतियां 45 दिनों में प्रदान की जाएं, इससे पहले स्वीकृतियां प्रदान करने की कोई समय सीमा नहीं थी। उन्होंने बताया कि सिंगल रूफ मैकेनिज्म के अंतर्गत स्वीकृतियों के लिए 35869 आवेदन आए, जिसमें से केवल 57 आवेदन को छोड़ कर बाकी सबको 45 दिनों के अंदर सभी प्रकार की स्वीकृतियां प्रदान कर दी गई ।
उन्होंने कहा कि सरकार ने निवेशकों को विभिन्न नियामक सुधारों, एकल खिडक़ी स्वीकृति प्रणाली, नीतियों, प्रमुख प्रोत्साहनों इत्यादि की जानकारी देने के लिए समाधान दिवस आरंभ किया है। यह कार्यक्रम पानीपत, यमुनानगर, रोहतक और बहादुरगढ़, अंबाला, सोनीपत और करनाल व कुरुक्षेत्र में पहले ही आयोजित किया जा चुका है। निवेशकों द्वारा 171 मुद्दों को उठाया गया जिनमें से 57 मुद्दों का समाधान किया जा चुका है और 85 मुद्दें समाधान की प्रक्रिया में हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक टी. एल. सत्यप्रकाश भी उपस्थित थे।

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