डेढ़ साल से आंदोलनरत सिलोखरा निवासियों ने किया आंदोलन तेज करने का ऐलान
गांव के विकास से पहले भाजपा कार्यालय के निर्माण पर पुन: भड़के सिलोखरा के निवासी
कहा, किसी कीमत पर विकास से पूर्व नहीं होने देंगे कार्यालय का निर्माण
गुडग़ांव, 17 जून : सिलोखरा की पंचायती जमीन गांव के विकास के प्रयोग में लाने और विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराने की मांग को लेकर पिछले करीब डेढ़ साल से आंदोलनरत सिलोखरा सहित 360 गांवों के लोगों ने एक बार पुन: उग्र आंदोलन का बिगुल फूंक दिए हैं। गांव में विकास कार्यों को शुरु कराने के पूर्व भाजपा कार्यालय का निर्माण कराने की हो रही कवायद पर घोर आपत्ति व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने ऐलान किया कि जनता के साथ सरकार को कत्तई विश्वासघात नहीं करने दिया जाएगा। अगर ऐसा किया जाता है तो वृहद आंदोलन चलाया जाएगा।
गुरुग्राम के 360 गांवों के मौजिज लोगों को विश्वास में लेकर विकास के इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस कमेटी हरियाणा के प्रदेश सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि अगर सरकार सिलोखरा गांव में विकास कार्यों को कराने से पूर्व भाजपा कार्यालय के निर्माण की बात करती है तो यह जनता के प्रति सरकार और मुख्यमंत्री का विश्वासघात है। मुख्यमंत्री ने सिलोखरा सहित 360 गांवों के मौजिज नागरिकों को विकास का जो आश्वासन दिया था वह झूठा साबित हो रहा है। डा. मुकेश शर्मा ने आनन-फानन में भाजपा कार्यालय के निर्माण पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए कि भाजपा पार्टी कार्यालयों के निर्माण के लिए इतना धन कहां से ला रही है? उन्होंने जनता की तरफ से शासन और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर सिलोखरा में विकास कार्यों को कराने से पूर्व भाजपा कार्यालय का निर्माण शुरु कराने का प्रयास किया गया तो गांव के लोग निर्माण स्थल पर ही धरने पर बैठ जाएंगे तथा इसका प्रबल विरोध किया जाएगा और इसकी सारी जिम्मेदरी शासन और प्रशासन की होगी। डा. शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार की यह संवेदहीनता है कि आम जनता विकास की मांग कर रही है, वह भी गांव के पंचायती जमीन पर और सरकार जनता की आस्था को ठुकराकर भाजपा कार्यालय का निर्माण कराने पर तुली हुई है। पूर्व में भी ऐसा करने का प्रयास किया गया था। सरकार के संरक्षण मेें भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों ने सिलोखरा के लोगों की मांग को दरकिनार करते हुए वहां भाजपा कार्यालय के शिलान्यास करने की तैयारी शुरु कर दी। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला उपायुक्त सुबह 6 बजे ही सिलोखरा पहुंचे और उन्होंने तालाब के निर्माण का शुभारंभ करते हुए लिखित दिया कि 15 दिनों के अंदर तालाब की खुदाई का काम शुरु कर दिया जाएगा जबकि करीब दो माह का समय बीतने के बावजूद तालाब के निर्माण का काम शुरु नहीं कराया गया। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा के नागरिक सहित पूरे 360 गांवों की हुई महापचंायत में निर्णय लिया गया था कि सिलोखरा की पंचायती जमीन का प्रयोग केवल गांव के विकास में किया जाएगा। ग्रामीणों की मांग है कि स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत सिलोखरा में तालाब और सामुदायिक भवन का निर्माण कराने के साथ बाालिका विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, खेल स्टेडियम, तीर्थ स्थल मंदिर, चौपाल आदि का भी निर्माण कराया जाए। जबकि शासन और प्रशासन द्वारा इन विकास कार्यो को कराने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। यह जनता के विश्वास के साथ खिलवाड़ है। किसी भी सरकार का नैतिक कर्तव्य बनता है कि पहले आम जनता की बात सुने और उनकी मांगों को पूरा करे लेकिन भाजपा सरकार द्वारा जनता की जायज मांगों को ठुकरा कर वहां जबरन भाजपा कार्यालय बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर ओमप्रकाश शर्मा , पूर्व सरपंच, रामफल।यादव, शेर पंडित, धर्मवीर शर्मा, चंदरभान सैनी, मामचंद सैनी, सोमदत्त शर्मा, रामेहर यादव, गोविंद कटारिया, भरत सिंह ठेकेदार, आशिक शर्मा, हेमंत शर्मा, रणबीर यादव , अमर सिंह, सुभाष शर्मा, सुंदर यादव, सुल्तान आदि सैकड़ों सिलोखरा वासी मौजूद थे