मेवात में मलेरिया पर रोकथाम लगाना स्वास्थ्य विभाग के लिए बनी चुनौती

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बडी खबर
: मलेरिया शुरू होने से पहले ही रोकथाम की तयारियां शुरू कर दी गई थी
: मलेरिया अधिकारियों को ग्रामीण नहीं कर रहे हैं सहयोग
: डीसी के आदेशों की सरपंच कोई परवाह नहीं कर रहे हैं
: मलेरिया से बचाव का छिडकाव ग्रामीणघरों की बजाऐ पशुओं के घरों में करा रहे

हैं

यूनुस अलवी

मेवात में मलेरिया पर रोकथाम लगाना स्वास्थ्य विभाग के लिए बनी चुनौती 2

मेवात

:

मलेरिया के मामले में प्रदेश में मेवात इलाका सबसे सेन्सटिव रहा है। मलेरिया के चलते हर साल दर्जन भी लोगों की मौते हो जाती है जबकि मरीजों का आंकडा हजारों में पहुंच जाता है। चार साल पहले तो मलेरिया से मरने वालों की संख्या सैंकडों में पहुंच गई थी। मलेरिया के मामले को लेकर भले ही मेवात का स्वाथ्य विभाग अतिसंवेदनशील रहा है लेकिन सरकार और यहां की जनता की इसमें खास दिलचश्पी नहीं हैं। मलेरिया से बचाव के लिए मेवात स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी माह से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी थी। भले ही मलेरिया फैलने का अभी समय काफी दूर हो लेकिन अभी तक उजीना पीएचसी में 146 नूंह में 40, पुन्हाना में 3 और तावडू में एक मामला सहित जिले में 190 मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं। अगर पिछले चार सालो के मामलों पर नजर डालें तो यह आंकडा हजारों में पहुंचे जाता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डाक्टर वीएन तिवारी ने बताया कि हर साल मेवात इलाके में बढ रही मलेरिया के मामलों की संख्या को लेकर मेवात उपायुक्त अशोक शर्मा और मेवात सिविल सर्जन डाक्टर राजीव के आदेश पर संभावित मलेरिया से ग्रस्त गावों में जनवरी माह से ही मलेरियों के मामलों की जांच शुरू कर दी थी। अब तक पूरे जिले में कुल 190 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 146 मामले तो अकेले उजीना पीएचसी में पाऐ गऐ हैं। जिन लोगो को मलेरिया के लक्ष्ण मिले हैं उन्हें 14 दिन की दवाई रेगूलर दी जा रही है। वहीं पूरे जिले में मलेरिया की सलाईड बनाने का काम चल रहा है। डाक्टर तिवारी ने बताया कि जिन गावों में मलेरिया के मामले पाऐ गऐ हैं उन गावों में उच्च अधिकारियों के आदेश पर डेल्टा मैथरीन का घरों में छिडकाव किया जा रहा है।
ग्रामीण घरों में छिडकाव नहीं करा रहे हैं
मलेरिया अधिकारी वीएन तिवारी ने बताया कि जिन घरों में मलेरिया के मामले पाए गऐ हैं उन घरों के आसपास घरों में डेल्टा मैथरीन का छिडकाव किया जा रहा है। छिडकाव का तभी फायदा होता है जब रिहाईश सहित सभी घरों में छिडकाव हो। उन्होने बताया कि मेवात के अधिक्तर गावों में ग्रामीण जहां पशु बंधते हैं वहां तो छिडकाव करा लेते हैं लेकिन वे रिहायसी घरों में छिडकाव नहीं कराते हैं। लोगों को काफी समझाने के बाद भी लोग छिडकाव नहीं कराते। उनहोने बताया कि अगर पूरी तरीके से छिडकाव नहीं होगा तो मलेरिया पर रोक लगना मुश्किल है।
सरपंच भी नही कर रहे सहयोग
स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिन पहले मेवात के डीसी अशोक शर्मा ने पंचायत राज के अधिकारियों के साथ मलेरिया में छिडकाव कराने में स्वाथ्य विभाग को सहयोग करने के आदेश दिए थे। वही जिला पंचायत एंव विकास अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। डाक्टर वीएन तिवारी ने बताया कि अधिक्तर गावों के सरपंच भी उनको कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं।
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पिछले चार साल के मलेरियों के आंकडों पर एक नजर
पीएचसी जनसंख्या वर्ष 15 वर्ष 16 वर्ष 17 8 जून 18 तक
नूंह 156195 424 502 439 40
उजीना 114068 2719 2520 2468 146
घासेडा 103668 17 27 59 —
तावडू 156032 15 06 09 01
मो0 अहीर 68781 — 01 05 —
पुन्हाना 87756 1819 1179 299 03
पिनगवां 74055 934 300 79 —–
सिंगार 106196 524 350 183 —–
मरोडा 86119 23 40 03 —–
नगीना 91881 44 32 21 —-
फिरोजपुर 114101 51 24 16 —–
बीवां 73735 07 15 06 —–
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कुल जोड 1331390 6638 5075 3643 190
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आंकडों से सोर्स स्वास्थ्य विभाग मेवात

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