हरियाणा में माल वाहनों को जब्त करने और जुर्माना लगाने की कार्रवाई तेज होगी

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चंडीगढ़ 1 जून :  हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग ने वाहनों में ले जाए जा रहे माल के निरीक्षण के लिए वाहनों की जांच करने और इस तरह के माल एवं वाहनों की रोकथाम, रिहाई और जब्ती के सम्बन्ध में निर्देश जारी किए हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि हरियाणा माल एवं सेवा कर (एचजीएसटी) अधिनियम की धारा 68 के उपधारा (1) में यह निर्धारित किया गया है कि निर्दिष्ट राशि से अधिक मूल्य का माल ले जा रहे वाहन का प्रभारी अपने पास इस सम्बन्ध में निर्धारित दस्तावेज और उपकरण रखेगा। उन्होंने कहा कि एचजीएसटी अधिनियम की धारा 129 में परागमन माल और वाहनों की रोकथाम, जब्ती और रिहाई के प्रावधान है, जबकि अधिनियम की धारा 130 माल या वाहनों को जब्त करने और जुर्माना लगाने की सुविधा है।

श्री कौशल ने कहा कि एचजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 68, 129 और 130 के तहत कार्यों का निर्वहन करने के उद्देश्य से सक्षम अधिकारी नामित किया गया है। सक्षम अधिकारी को वाहन को रोकने एवं उसका निरीक्षण करने का अधिकार है तथा दस्तावेजों के सत्यापन और माल के निरीक्षण के लिए किसी भी वाहन को रोक सकता है। रोके जाने पर, वाहन का प्रभारी व्यक्ति माल और वाहन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करेगा। सक्षम अधिकारी ऐसे दस्तावेजों की पुष्टि करेगा और जहां, प्रथम दृष्टïया कोई विसंगति नहीं मिलेगी तो वाहन को आगे बढऩे की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वाहन के प्रभारी व्यक्ति के पास ई-वे बिल नम्बर या प्रिंटआउट, एसएमएस या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूप में बिल नम्बर उपलब्ध होगा और जहां भी ई-वे बिल इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित करने के लिए सुविधा मौजूद होगी, वही इतना सत्यापित होगा।

उन्होंने कहा कि जहां वाहन का प्रभारी व्यक्ति कोई भी निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहता है या जहां सक्षम अधिकारी निरीक्षण करना चाहता है, वह वाहन के प्रभारी व्यक्ति का बयान दर्ज करेगा। इसके अलावा, सक्षम अधिकारी वाहन, माल और दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन या निरीक्षण के लिए आदेश जारी करेगा जिसमें वाहन के प्रभारी को उस आदेश में उल्लिखित स्थान पर वाहन को खड़ा करना होगा और माल का निरीक्षण करने देगा। सक्षम अधिकारी, फॉर्म जीएसटी जारी करने के 24 घंटों के भीतर, एक रिपोर्ट तैयार करेगा और इसे सामान्य पोर्टल पर अपलोड करेगा।

उन्होंने कहा कि फॉर्म जीएसटी में आदेश जारी करने की तिथि से तीन कार्य दिवसों की अवधि के भीतर, सक्षम अधिकारी या तो स्वयं या किसी अन्य उचित अधिकारी के माध्यम से इस तरफ से अधिकृत निरीक्षण कार्यवाही समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि जहां परिस्थितियों के कारण इस तरह के समय को विस्तारित करने के लिए आवश्यकता होगी तो उन्हें तीन कार्य दिवसों से अधिक समय के विस्तार के लिए आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। वाहन के प्रभारी व्यक्ति को विस्तार के आदेश की एक प्रति दी जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि वाहन और उसमें ले जाए जा रहे माल के भौतिक सत्यापन या निरीक्षण के पूरा होने पर, सक्षम अधिकारी ऐसे भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट तैयार करेगा और माल एवं वाहन के प्रभारी व्यक्ति को उस रिपोर्ट की प्रतिलिपि प्रस्तुत करेगा। सक्षम अधिकारी ऐसे भौतिक सत्यापन या निरीक्षण के तीन दिनों के भीतर निरीक्षण की अंतिम रिपोर्ट को सामान्य पोर्टल पर भी रिकॉर्ड करेगा।

उन्होंने कहा कि जहां माल और वाहन के निरीक्षण के बाद कोई विसंगति नहीं मिलती है तो सक्षम अधिकारी एक रिहाई आदेश जारी करेगा और वाहन को आगे बढऩे की अनुमति देगा। जहां सक्षम अधिकारी का मानना है कि एचजीएसटी अधिनियम की धारा 129 के तहत माल और वाहन को रोकने की आवश्यकता है तो वह एचजीएसटी अधिनियम की धारा 129 के उपधारा (3) के प्रावधानों के अनुसार वाहन को रोकने का आदेश जारी करेगा तथा देय कर और जुर्माना निर्दिष्ट करते हुए नोटिस देगा।

श्री कौशल ने कहा कि यदि प्रस्तावित कर और जुर्माने का भुगतान ऐसे आदेश जारी होने के सात दिनों के भीतर नहीं किया जाता है, तो माल एवं वाहन की जब्ती और जुर्माना के प्रस्ताव के साथ एचजीएसटी अधिनियम की धारा 130 के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि जहां सक्षम अधिकारी का मानना है कि कर के भुगतान से बचने के लिए माल के इस तरह से ले जाया जा रहा है तो वह सीधे एचजीएसटी अधिनियम की धारा 130 के तहत माल और वाहन जब्त करने का नोटिस जारी कर सकता है। हालांकि, व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिए बिना माल या वाहन को जब्त करने या जुर्माना लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि माल (मालिक या उसके प्रतिनिधि) के प्रभारी व्यक्ति द्वारा दायर आपत्तियों पर विचार करने के बाद माल जब्त करने का आदेश पारित किया जाएगा और यह संबंधित व्यक्ति को दिया जाएगा। एक बार जब्ती का आदेश पारित होने के बाद, ऐसे माल का टाईटल राज्य सरकार को हस्तांतरित माना जाएगा। जब्त के बदले लगाए गए कर एवं जुर्माना का भुगतान करने और माल को छुड़ाने के लिए कम से कम तीन महीने का उचित समय दिया जाएगा।
श्री कौशल ने कहा कि यदि न तो माल का मालिक और न ही माल के मालिक के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति लगाये गए कर एवं जुर्माने की अदायगी करने और माल या वाहन को प्राप्त करने के लिए निर्दिष्टï समय के भीतर नहीं आता है तो सक्षम अधिकारी सार्वजनिक नीलामी द्वारा माल या वाहन की नीलामी करेगा और बिक्री से प्राप्त धन को राज्य सरकार के खाते में प्रेषित करेगा।

उन्होंने कहा कि कर, जुर्माना या अन्य शुल्कों की मांग संबंधित व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक देयता बहीखाते में जोड़ दी जाएगी। यदि किसी अपंजीकृत व्यक्ति के मामले में कोई इलेक्ट्रॉनिक देयता बहीखाता उपलब्ध नहीं है, तो सक्षम अधिकारी द्वारा सामान्य पोर्टल पर एक अस्थायी आईडी बनाई जाएगी और देयता उसमें दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, वह संबंधित व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक नकद बहीखाते को डेबिट करके कर या जुर्माना और अन्य शुल्कों की ऐसेी मांगों के लिए किए गए भुगतानों को भी क्रेडिट करेगा।

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