हरियाणा में किराएदारों से विवाद निपटाने के लिए किराएदारी अधिनियम लागू होगा

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मकान मालिक और किराएदार के अधिकार और जिम्मेदारियां भी तय की गई

विवाद के निपटारे के लिए किराया अदालत, ट्रिब्यूनल का गठन होगा 

चंडीगढ़- 1 जून :  हरियाणा सरकार ने प्रदेश के शहरों में मकान मालिकों और किराएदारों के विवादों के समाधान के लिए हरियाणा शहरी किराएदारी अधिनियम, 2018 लागू करने का निर्णय लिया है। 

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा शहरी किराएदारी अधिनियम 2018 को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसमें मकान मालिक और किराएदार के अधिकार और जिम्मेदारियां तय की गई हैं। यही नहीं विवाद होने की स्थिति में किराया अदालत, ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा, जहां सभी समाधान सुलभ होंगे। 

उन्होंने कहा कि पालिका क्षेत्र में मकान मालिक और किराएदारों के विवादों के समाधान के लिए वर्ष 1973 में बनाया गया एक्ट अब अप्रासंगिक हो गया था। शहरों में बढ़ती आबादी और आवास सुविधा की कमी के चलते लोगों का रूझान किराए पर रहने की ओर बढऩे लगा। लेकिन समय के अनुरूप किराएदार एक्ट में संशोधन नहीं होने के कारण लंबे समय से किराए पर रह रहे किराएदारों और उनके मकान मालिकों के बीच विवाद बढऩे लगे। इन विवादों से उपजे तनाव को कम करने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा हरियाणा शहरी किराएदारी अधिनियम 2018 तैयार किया गया है, जिसे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। 

मंत्री कविता जैन ने बताया कि मकान मालिक-किराएदार के बीच विवाद की सबसे बड़ी जड़ उनके अधिकार और जिम्मेदारियां तय नहीं होना है। इस पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से मकान मालिक, किराएदार, संपत्ति प्रबंधक के बीच होने वाले विवादों का अध्ययन करते हुए संतुलन स्थापित करने का रास्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा कि नए कानून में उनके अधिकार एवं जिम्मेदारियां तय की गई हैं तथा भविष्य में उनके बीच होने वाले विवाद के निपटारे के लिए किराया अदालत, ट्रिब्यूनल स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इससे विवाद की स्थिति में तेजी से न्याय दिलाना सुनिश्चित होगा और अदालतों में मामलों में भी कमी लाई जा सकेगी। 

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