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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नैशनल स्टार्ट-अप समिट का आयोजन
हिसार : 1 जून : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आज दो दिवसीय नैशनल स्टार्ट-अप समिट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. सत्यपाल सिंह, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा), भारत सरकार मुख्य अतिथि थे। उन्होंने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
iडॉ. सत्यपाल सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के 69 वें स्वतंत्रता दिवस पर स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत की पहल करना सराहनीय है। उन्होंने यह घोषणा भारत की प्रतिभाशाली युवा पीढ़ी को देश और मानवता के लिए कुछ नया करने के लिए शक्ति और प्रेरणा प्रदान करने के उद्देश्य से की है। इसके अंतर्गत नवोदित उद्यमियों को एक मंच प्रदान करना है जहां वे बिना किसी परेशानी के खुद को स्थापित करने तथा स्टार्टअप प्रक्रिया व पेटेंट फाइलिंग को प्रोत्साहन व उसका सरलीकरण करना शामिल हैं।
भारत सरकार की प्राथमिकता है कि स्टार्ट-अप और उद्यमिता द्वारा देश के आर्थिक विकास और रोज़गार के अवसर प्रदान करने को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को अपने विचारों और रचनात्मकता को दिशा प्रदान करने के लिए मजबूत और प्रभावी समर्थन की आवश्यकता होती है जिसे सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल स्टार्टअप को आगे बढऩे की आवश्यकता अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
स्टार्टअप आधारभूत नेटवर्किंग अनुभव है जिससे आप उचित मार्गदर्शन द्वारा सही लोगों के साथ मिलकर सही व्यावसायिक वातावरण बना सकते हैं। एक उद्यमी मानसिकता प्राप्त करना वास्तव में आजीवन सीखने की प्रक्रिया है। इसलिए यह अनिवार्य है कि इसे कम उम्र में अपनाया जाए। छात्रों में उद्यमशील मानसिकता विकसित करने के लिए उन्हें शिक्षा काल के दौरान सही मार्गदर्शन प्रदान करने की नितांत आवश्यकता हैे तथा मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह आयोजन इस कार्य को सफलता दिलाने में सक्षम सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि देश की 65 प्रतिशत ही नहीं अपितु 100 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है। कोई व्यक्ति जितना भी पैसा कहीं से भी क्यों न कमा ले परंतु खाने में कृषि उत्पाद ही उपयोग करेगा। उन्होंने कहा कि यह सुखद अनुभव है कि भारतीय कृषि का अस्तित्व सशक्त हाथों में है। विश्वविद्यालय के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय सदैव किसानों के उत्थान के लिए तत्पर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने दो पुस्तकों का विमोचन किया तथा प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
केन्द्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने अपनी व्यस्ततम कार्यक्रमों की वजह से कार्यक्रम में न आ पाने की वजह से अपना संबोधन वीडियो क्लिप के द्वारा प्रेषित किया। उन्होंने प्रतिभागियों का आह्वान करते हुए कहा कि आज का युवा नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वयं का व्यवसाय शुरू करके दूसरों को भी रोज़गार प्रदान करने में सक्षम बनें।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य हरियाणा राज्य में कृषि उत्पादकता बढ़ाने हेतु शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार प्रशिक्षण के एकीकरण को बढ़ावा देना तथा एक सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक और अनुसंधान संगठन के रूप में सेवा करके कृषि और इससे जुड़े विषयों का विकास करना है। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपना कैरियर बनाने के लिए वे शिक्षा के साथ-साथ नई रचनात्मक सोच को शामिल करें। विश्वविद्यालय ने व्यावसायीकरण के लिए 130 प्रौद्योगिकियों की पहचान की है तथा इन प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण एवं इन्हें अपनाने के लिए विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों, बिजनेस प्लानिंग एंड डेवलपमेंट यूनिट और आईपीआर सेल द्वारा इनके विस्तार के प्रयास जारी हैं। यद्यपि इन प्रयासों के बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं, फिर भी व्यावसायीकरण के उभरते वैश्विक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा करने के लिए कृषि-व्यवसायिक गतिविधियों से जुड़े रहने की आवश्यकता है।
कुलपति ने कहा कि आज अधिकांश बेरोजग़ार शिक्षित युवाओं के पास नवीन विचार हैं लेकिन आमतौर पर व्यवसायिक इकाई शुरू करने के लिए विशेषज्ञता और आधारभूत सुविधाओं की कमी देखी गई है। अच्छी अकादमिक पृष्ठभूमि के बावजूद हमारे अधिकांश स्नातकों में नया उद्यम शुरू करने के लिए आवश्यक साहस और आत्मविश्वास की कमी है। इस संदर्भ में आज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने नेशनल स्टार्टअप शिखर सम्मेलन 2018 का आयोजन किया है ताकि सफलता की कहानियों को सांझा करने, व्यापार और विपणन, प्रौद्योगिकियों और वित्त संबंधी विषयों के लिए एकल प्लेट फॉर्म पर कार्ययोजना तैयार की जा सके।
इससे पूर्व डॉ. एन.एस. राठौर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) ने प्रतिभागियों को सफल उद्यमी बनने का मूल मंत्र देते हुए कहा कि एबीसीडी और आरएसटीयू यानि एनी बडी केन डू तथा रॉ मैटीरियल स्किल ट्रेडिंग यूटीलिटि को हमेशा याद रखें। उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बी.एस-सी. एग्रीकल्चरल स्नातकों के लिए एक वर्षीय पी.जी. डिप्लोमा शुरू करने जा रहा है।
इस अवसर पर एसिस्टैंट वाइस प्रैज़ीडेंट ऑफ रिसर्च एंड ग्रेजूएशन स्टडीज़ मिशिगन, यूएसए के डॉ. डगलस डी. बूलर तथा डॉ. करीम मरेडिया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
समिट की संयोजिका डॉ. राज बाला ग्रेवाल के अनुसार कार्यक्रम में देशभर के 22 से अधिक कृषि विश्वविद्यालयों एवं प्रबंधन संस्थानों के कृषि विशेषज्ञों एवं प्रतिनिधियों तथा युवा उद्यमियों सहित 600 से अधिक छात्र शामिल हुए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, अधिकारी एवं छात्र उपस्थित थे। समिट की आयोजक सचिव डॉ. सीमा कुमारी ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।