नितिन गडकरी ने यमुना कार्य योजना की धीमी गति पर अधिकारियों को हड़काया

Font Size

दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन को तेज करने को कहा 

 

नई दिल्ली : केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्‍ली में एक समीक्षा बैठक की अध्‍यक्षता की. बैठक के दौरान उन्होंने दिल्‍ली जल बोर्ड (डीजेबी) के पदाधिकारियों को यमुना कार्य योजना (वाईएपी)-III से जुड़ी परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया। श्री गडकरी ने इन परियोजनाओं की बेहद धीमी गति पर असंतोष व्‍यक्‍त किया।

इस बैठक में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्‍य मंत्री डॉ. सत्‍यपाल सिंह के साथ-साथ समस्‍त ठेकेदारों, परामर्शदाताओं और डीजेबी एवं एनएमसीजी के वरिष्‍ठ पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।

राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने 1656 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वाईएपी-III के अंतर्गत 8 पैकेजों को मंजूरी दी है। इनमें कोंडली स्थित चार परियोजनाएं (के1, के2, के3 एवं के4) और रिठाला स्थित तीन परियोजनाएं (आर1ए, आर1बी एवं आर2) शामिल हैं। ओखला, कोंडली और रिठाला में 564 एमएलडी की क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण ट्रंक सीवर और राइजिंग मेन के पुनर्वास के संबंध में है। चार पैकेजों यथा के1, के2, आर1ए और आर2 के ठेके दिए जा चुके हैं, जबकि तीन पैकेजों यथा के3, के4 और आर1बी के लिए निविदाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वहीं, ओखला ओटीपी के लिए बोली अभी प्राप्‍त की जानी है।

श्री गडकरी ने इन परियोजनाओं की बेहद धीमी गति पर असंतोष व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने कहा कि अनुबंध और कार्यादेश जारी करने से पहले स्‍थल का सर्वेक्षण, निविदा प्रक्रिया, स्थलाकृतिक सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण जैसी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार सभी तरह की सहायता देने को तैयार है, लेकिन डीजेबी को प्रक्रिया में तेजी लानी होगी। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और डीजेबी के वरिष्‍ठ पदाधिकारियों ने आश्‍वस्‍त किया कि पिछले तीन महीनों के दौरान परियोजनाओं के ठेके देने में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि वे निर्धारित समय सीमा से पहले समस्‍त परियोजनाओं को पूरा करने के लिए गंभीरता से प्रयास करेंगे।

कोरोनेशन पिलर में 318 एमएलडी (70 एमजीडी) की क्षमता वाले एसटीपी के निर्माण के साथ-साथ इंटरसेप्शन सीवर परियोजना की भी समीक्षा की गई। कोरोनेशन पिलर में एसटीपी का निर्माण कार्य सितंबर, 2019 तक पूरा हो जाने की संभावना है, जबकि इंटरसेप्शन सीवर परियोजना से जुड़े ज्‍यादातर कार्य दिसंबर, 2018 तक पूरे हो जाएंगे। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मिट्टी, खरपतवार इत्‍यादि एवं गाद सामग्री का उपयोग एनएचएआई द्वारा सड़कों में किया जा सकता है। यमुना को प्रदूषित कर रहे नालों के मसले पर हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जानी चाहिए।

निर्धारित समय सीमा से पहले सभी मौजूदा परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन में तेजी लाने और इन्‍हें पूरा करने के प्रस्‍ताव के साथ यह समीक्षा बैठक संपन्‍न हुई, ताकि दिल्‍ली की जीवन रेखा यानी यमुना नदी निर्मल और स्‍वच्‍छ हो सके।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page