सरकार ने सभी जिले से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
चण्डीगढ़, 21 मई : हरियाणा सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को उनके विभागों में धोखाधड़ी और लापरवाही के कारण सामान और सार्वजनिक धन की हानि के लम्बित मामलों की सूची तैयार करने और दोषी अधिकारियों या कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करने के बाद उसे अंतिम रूप देने के निर्देश दिये हैं।
वित्त विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें एक ऐसी स्टेटस रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिये गये हैं जिसमें की गई कार्रवाई की नवीनतम रिपोर्ट के साथ इस तरह की सभी देय वसूलियों का उल्लेख किया गया हो।
उन्होंने बताया कि यह ध्यान में आया है कि धोखाधड़ी या लापरवाही के कारण होने वाले सामान तथा सार्वजनिक धन के नुकसान के मामलों का तत्काल निपटान नहीं किया जाता। उस हानि के निपटान के लिए, ऐसे मामलों को उचित समय-सीमा समाप्त होने के बाद उस समय वित्त विभाग को भेजा जाता है जब दोषी अधिकारी या कर्मचारी या तो सेवानिवृत्त हो जाते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने या उनसे वसूली करने में कठिनाई आती है।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि सभी प्रकार के नुकसान को विधिवत दर्ज किया जाए और दोषी अधिकारियों या कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करने के बाद एक वर्ष की अवधि के अंदर गैर-वसूली योग्य हानि के निपटान के लिए सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति प्राप्त की जाए। उन्होंने कहा कि हानि के निपटान के लिए वित्त विभाग को मामला भेजने से पहले उस कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जाए जिसकी लापरवाही या धोखाधड़ी के चलते सरकार को नुकसान हुआ है। धोखाधड़ी या लापरवाही से हुए किसी भी नुकसान के लिए संबंधित अधिकारी को भी व्यक्तिगत रूप से उस हद तक जिम्मेदार ठहराया जाए, जिसमें यह दर्शाया गया हो कि उसने अपने पर्यवेक्षण में अपनी स्वयं की कार्रवाई या लापरवाही से नुकसान में योगदान दिया।