मुख्यमंत्री मनोहर लाल, इजराइल व यूके दौरे पर रवाना

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चंडीगढ़, 6 मई :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वे हरियाणा में निवेश बढ़ाने और राज्य की प्रगति व लोगों की खुशहाली के उद्देश्य के लिए इजराइल व यूके के दौरे पर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए भारत-इजराइल ने वर्ष 2008 में इण्डो-इजराइल कार्य योजना की शुरूआत की थी इस सहभागिता से कृषि क्षेत्र में प्रगति को देखते हुए कार्य योजना के प्रस्ताव को दोनों देशों ने वर्ष 2017 से 2020 तक बढ़ा दिया गया है। खबर है कि मुख्यमंत्री आज विदेश दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं . 

मुख्यमंत्री ने यह जानकारी आज यहां इजराइल व यूके के दौरे पर जाने से पहले पत्रकार सम्मेलन के दौरान दी। उन्होंने कहा कि वे इजरायल में 8 मई से 9 मई, 2018 तक आयोजित होने जा रहे एग्रीटैक-2018 में भाग लेंगे और साथ ही वे 9 मई से 13 मई तक यूनाइटेड किंगडम के दौरे पर भी जाएंगें।

उन्होंने बताया कि एग्रीटेक इजरायल एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी है, जहां पर कृषि क्षेत्र के विश्व के सभी प्रमुख उत्पादक, वैज्ञानिक, निवेशक, विभिन्न विषय के विशेषज्ञ, खरीदार व दिशा-निर्धारक एकत्रित होते हैं। 19वें विश्व स्तरीय एग्रीटेक मेला वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था, जिसमें 8,100 विदेशी प्रदर्शकों ने 57 विदेशी व 196 इजरायली प्रदर्शकों ने भाग लिया था। इस वर्ष इस मेले का आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है तथा कई विश्व स्तरीय कम्पनियां इसमें भाग ले रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे पहले भी उनके अमेरिका, कनाडा, जापान, चीन, सिंगापुर, हांगकांग और दुबई के दौरों के दौरान महत्वपूर्ण एमओयू साइन हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन दौरों के दौरान 21 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं और एक लाख 26 हजार करोड़ रुपए का निवेश पाईपलाईन में है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि दूसरे देशों के साथ हमारे कारोबारी, व्यापारिक और औद्योगिक सम्बन्ध बनें और हम भी उनकी उत्तम तकनीकों का लाभ उठा सकें। यकीनन इजरायल को भी हमारी तकनीक से कुछ न कुछ बेहतर सीखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इजरायल के राजदूत डेनियल कार्मन ने उन्हें एग्रीटैक-2018 में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया है और हमने यह आमंत्रण सहर्ष स्वीकार किया है। इजराइल ने हमें कृषि, बागवानी, पशुपालन और औद्योगिक परियोजनाओं में इजरायल का सहयोग देने की बात कही है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य व इजरायल की कृषि-जलवायु परिस्थितियों में कुछ हद तक समानता है। इस समानता ने हमें इजरायल का सहयोग लेने के लिए प्रेरित किया ताकि प्रदेश में डेयरी विकास की गति को सुदृढ़ किया जा सके। इजरायल व हरियाणा के मध्य विभिन्न क्षेत्रों विषेशकर डेयरी, बागवानी, कृषि, पशुपालन एवं मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में नई तकनीकों के कार्यक्रमों को विस्तृत रूप दिया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में इजरायल व हरियाणा के द्विपक्षीय सहयोग को और आगे ले जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए भारत-इजरायल सहभागिता से कृषि क्षेत्र में प्रगति को देखते हुए कार्य योजना के प्रस्ताव को वर्ष 2017 से 2020 तक बढ़ा दिया है। इस समझौते के तहत हरियाणा में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गये, जिनमें इजराइल के सहयोग से पहला सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र घरौण्डा, जिला करनाल में स्थापित है। इस सेंटर में उच्च गुणवत्ता की सब्जियों की पौध किसानों को तैयार कर मुहैया कराई जाती है, ताकि किसान अपने खेत में बढिय़ा फसल की पैदावार कर सकें। इसी तरह का एक फल उत्कृष्टता केन्द्र जिला सिरसा के गांव मंगियाना में स्थापित है और इस केन्द्र पर फलों की नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। वर्ष 2016 में उप-उष्ण तटबंधीय फल केन्द्र, लाडवा कुरूक्षेत्र में स्थापित किया गया है तथा इस केन्द्र का मुख्य उदेश्य नई तकनीकों के उपयोग से किसानों को अवगत कराना है, जिनसे उनकी आय में वृद्धि हो सके। एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केन्द्र वर्ष 2017 में रामनगर, कुरुक्षेत्र में स्थापित किया गया। इस सेंटर पर मधुमक्खी पालकों को नई-नई तकनीकों की जानकारी दी जाती है कि वह कैसे बढिय़ा शहद का उत्पादन ले सकते है और कौन-कौन से उत्पाद मधुमक्खी पालक तैयार कर सकता है। उन्होंने बताया कि जिला झज्जर के गांव सौंधी में फूल उत्कृष्टता केन्द्र का निर्माण कार्य जल्द ही आरंभ किया जाने वाला है। यह केन्द्र 10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इस केन्द्र में फूलों की संरक्षित खेती एवं तकनीकी ज्ञान से किसानों को अवगत कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से पहले किये गये विदेश दौरों के सकारात्मक परिणाम रहे हैं, उसी प्रकार, उन्हें विश्वास है कि इजरायल में आयोजित एग्रीटैक-2018 से भी प्रदेश को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इजरायल के इस दौरे पर जाने का मुख्य उद्देश्य डेयरी, बागवानी, कृषि एवं पशुपालन से सम्बन्धित नई तकनीकों की जानकारी हासिल करना है। वेस्ट वाटर का सिंचाई में प्रयोग करने व नमकीन पानी को कृषि योग्य एवं पीने योग्य बनाने के लिए हम वहां की जल इकाई का भ्रमण करेंगे और उन द्वारा उपयोग की जा रही तकनीक को हरियाणा में अपनाने हेतु सम्भावनाओं की तलाश करेंगे। इजरायल दौरे के एजेंडे में एग्रीटैक से कृषि और बागवानी क्षेत्रों में नई प्रौद्योगिकी लाने के लिए शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा और इजरायल के संबंधों को कृषि क्षेत्र में और आगे बढ़ाने के लिए बैठक की जाएगी। हरियाणा और इजरायल कृषि तकनीक को बढ़ावा देने के लिए दोनों मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हम फसल कटाई के उपरांत प्रबंधन और विभिन्न प्रकार के अवसंरचना को समझेंगें और उसका हरियाणा में उपयोग करेंगें। इजरायल रक्षा एवं एयरोस्पेस तथा अंतरिक्ष सुरक्षा का भी एक हब है और यह हरियाणा में इन क्षेत्रों के लिए निवेश लाने में सहायक होगा। अंतरिक्ष सुरक्षा और खुफीया जानकारी जुटाने के क्षेत्र में सहयोग करने के लिए इजरायल के होमलेंड सिक्यिोरिटी विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ हम बैठक करेंगे। किसान समुदायों के मुद्दों पर आयोजित एग्रीटेक सत्र में बंजर भूमि के निपटान के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इजराइल में 10वीं और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात सेना में कुछ समय के कार्य करना पड़ता है और वहां पर प्रत्येक नागरिक को बंदूक चलाना आता है, उसका भी वे अध्ययन करने के लिए जाएंगें। इसके अलावा, वे येरूशलम और डेड सी भी देखने जाएंगें।

यू.के. दौरे के संबंध में उन्होंने कहा कि इंग्लैंड और भारत दोनों की ही समृद्ध विरासत है। दोनों देशों के बीच 400 से भी अधिक वर्षों से सम्बन्ध है। दोनों देशों की लोकतांत्रिक मूल्यों में गहरी निष्ठा है और वैश्विक दृष्टिकोण रखते हैं। दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय मामलों में सकारात्मक भूमिका निभाने को तत्पर रहते हैं। दोनों देशों की संस्कृति समृद्ध हैं और आधुनिक इंग्लैंड बहु संस्कृति का ज्वलंत उदाहरण है। भारत के उच्चायोग ने हाल ही में ब्रिटेन में ‘एक्सेस इंडिया’ नामक एक कार्यक्रम आरंभ किया है, जिसमें उच्चायोग द्वारा इच्छुक ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भारत में निवेश करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। यू.के. के साथ मजबूत व्यापारिक संबंधों और हरियाणा के साथ संभावित सहभागिता को देखते हुए ब्रिटेन हरियाणा की ताकत और निवेश के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में वैश्विक शहर जैसी विभिन्न परियोजनाओं – गुरुग्राम-मानेसर-बावल के बीच एमआरटीएस, नारनौल में लॉजिस्टिक्स हब, हिसार में विमानन केन्द्र, कुण्डली-मानेसर-पलवल के वैश्विक आर्थिक गलियारे, आईएमटी खरखोदा में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यात्रा के दौरान वे हीथ्रो में पॉड कार सुविधा का भी दौरा करने जाएंगें। केंद्रीय परिवहन मंत्री ने गुरुग्राम में पॉड कार सुविधा की स्थापना के संबंध में विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर पहले ही घोषणा की है जिसके तहत धौला कुँआ से राजीव चौक तक इसका संचालन होगा। यात्रा के दौरान आईएमटी सोहना परियोजना के विपणन पर विषेश ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वस्त्र, मशीनरी और उपकरण, इंजीनियरिंग सामान इत्यादि जैसे क्षेत्रों में हरियाणा का मजबूत आधार है। जेसीबी और कैपरो, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन, जॉनसन मत्थी, गैले इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, स्टर्लिंग प्ले, वोडाफोन, रीबस इंडिया, यूनिलीवर, केयर्न, आदि ब्रिटिश कंपनियां हरियाणा में सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह यात्रा ऑटो कंपोनेंट्स, एयरोस्पेस एवं डिफेंस के क्षेत्रों में निवेशकों के साथ बातचीत करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि वन टू वन मीटिंग के माध्यम से प्रवासी भारतीयों से बातचीत को भी एजेण्डे में प्रस्तावित किया गया है।
पत्रकारों द्वारा विदेश दौरे के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि आप पिछली सरकारों का रिकार्ड उठाकर देखें कि वे पहले केवल एक कार्यक्रम करते थे और हम एक दिन में 15-15 घंटे व 15-15 बैठकें आयोजित करते हैं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार  राजीव जैन व  अमित आर्य, कृषि एवं कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डा. अभिलक्ष लिखी, प्रधान सचिव अकुंर गुप्ता, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक  समीर पाल सरो सहित अन्य वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे।

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