चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों अपनी हरकतों से बाज आओ : डॉ० धर्मेन्द्र

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चंडीगढ़ 05 मई 2018। यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी चण्डीगढ की आम बैठक सरदार बलविंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया। कर्मचारियों ने चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड की यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के साथ बदनीयती से छेड़छाड़ करने की कोशिश पर अपना रोष जताया। इसी स्कीम में सफल रहे एक उम्मीदवार ने बताया कि चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड से हम दो महीने पहले ही आरटीआई के तहत सैक्टर 53 में बनने वाले फ्लैटों के स्टेटस के बारे में जानकारी हासिल कर चुके हैं लेकिन चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड ने पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट में दो महीने पहले ही स्टेटस रिपोर्ट दाखिल न करके इस केस को और ज्यादा लटकाने की चाल चली है और कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है । हाउसिंग बोर्ड सैक्टर 53 में बनने वाले इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के *ए* कैटेगरी के फ्लैटों के साइज़ और एफ ए आर में भी छेड़छाड़ की कोशिश कर रहा है ।

यूटी इम्प्लाइज सीएचबी हाउसिंग वैल्फेयर सोसायटी चण्डीगढ के महासचिव डॉ० धर्मेन्द्र ने कहा कि यदि हाउसिंग बोर्ड का यही रवैया रहा तो इम्प्लाइज हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारी अपने सभी कर्मचारी साथियों को साथ लेकर बोर्ड के अधिकारियों का घेराव करने से पीछे नहीं हटेगे ।
डॉ धर्मेन्द्र ने कहा कि चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए। अब हम अपने इन पढ़े लिखे कर्मचारियों के साथ ज्यादा धोखा नहीं होने देंगे। डॉ धर्मेन्द्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि बोर्ड के अधिकारी कर्मचारियों को हाउसिंग बोर्ड के घेराव करने के लिए मजबूर न करें। चण्डीगढ की कुल जनसंख्या में 40% कर्मचारी और उनके परिवार ही हैं जिनका अपना रिश्तेदार और मित्रों का एक मजबूत वर्ग है इसलिए अधिकारी राजनेताओं को खुश करने के लिए केवल झुग्गी झोपड़ी वाले लोगों पर ध्यान देने की बजाय इमानदारी से यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्की म के तहत फ्लैट जल्द बनाकर दें । डॉ० धर्मेन्द्र ने कहा कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी को हम कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे और बताएंगे कि चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने किस तरह केस को लम्बित करने की कोशिश की है।

इम्प्लाइज हाउसिंग सोसायटी के प्रधान सरदार बलविंदर सिंह जी ने कहा कि हम चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के पास 57.82 लाख से भी ज्यादा रुपये जमा करा रखे हैं और हाउसिंग बोर्ड उस पैसे का पिछले दस साल से ब्याज खा रहा है । बोर्ड कर्मचारियों को उनके पैसे का ब्याज वापस करे ।

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