जिला व उपमंडल अदालतों में उच्च स्तरीय सुविधाएं : जस्टिस सूर्यकांत

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चंडीगढ़, 1 मई :  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा हरियाणा भवन कमेटी के चेयरमैन जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के लोगों को शीघ्र और सुगमता से न्याय देने के उदेश्य से जिला स्तर और उपमंडल स्तर पर अदालतों में उच्च स्तरीय सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इसके लिए हाई कोर्ट ने एक विशेष योजना तैयार की है और विभिन्न परियोजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। अहम पहलु यह है कि गुरुग्राम में 200 करोड़ रुपए की लागत से नए न्यायालय परिसर का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह न्यायालय परिसर शायद उतर भारत का सबसे सुंदर और आधुनिक भवन होगा। इतना ही नहीं सोहना और पटौदी में भी नए न्यायिक परिसर बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

जस्टिस सूर्यकांत आज कुरुक्षेत्र में 17.50 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नए अतिरिक्त न्यायालय परिसर का उदघाटन करने के उपरांत अधिवक्ताओं और गणमान्य लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के जज तथा हरियाणा भवन कमेटी के चेयरमैन जस्टिस सूर्यकांत, हाई कोर्ट की जज एवं कुरुक्षेत्र सैशन डिवीजन के प्रशासनिक जज रेखा मितल, जस्टिस शेखर धवन, जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान, जस्टिस अनिल खेत्रपाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश शालिनी सिंह नागपाल, कुरूक्षेत्र के उपायुक्त डॉ० एस.एस. फुलिया ने दीप प्रज्जवलि कर और रिब्बन काटकर विधिवत रुप से नए अतिरिक्त न्यायिक परिसर का उदघाटन किया। 
इसके उपरांत जस्टिस सूर्यकांत व अन्य हाईकोर्ट के जजों ने नए न्यायिक परिसर में आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न वीडियो कान्फ्रेंसिंग रूम, कान्फें्रंस रूम, महिलाओं और पुरुषों अलग-अलग लॉकअप रूम, सुविधा सेंटर, एक कै्रच कक्ष, एक वनरल सेंटर का अवलोकन किया। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश शालिनी सिंह को नए सैशन कोर्ट में बिठाया।

जस्टिस सूर्यकांत ने अधिवक्ताओं और कुरुक्षेत्र वासियों को नए कोर्ट परिसर की बधाई देते हुए कहा कि इस नए अतिरिक्त कोर्ट परिसर में 12 नई वातानुकुलित कोर्ट की स्थापना की गई है। इन अदालतों से अधिवक्ताओं और उपभोक्ताओं को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिल पाएंगी। इतना ही नहीं नए कोर्ट परिसर में पोस्को एक्ट के तहत सुनवाई करने के लिए एक विशेष कोर्ट भी स्थापित की गई है। हाई कोर्ट का दृढ़ संकल्प है कि जिला और उपमंडल स्तर की अदालतों में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। पिछले कई सालों से हाई कोर्ट की तरफ से एक रोड़ मैप तैयार किया जा रहा है और विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। हाई कोर्ट का लक्ष्य है कि उपमंडल स्तर तक की अदालतों में लोगों को तेजी व सुगमता के साथ सही न्याय मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से हर प्रकार का सहयोग मिल रहा है। हाई कोर्ट को निर्माण कार्यो के लिए बजट की कमी नहीं आने दी जा रही है। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा आसपास के अन्य राज्यों में पहला ऐसा राज्य है जहां सबसे अच्छे और सुविधाजनक आधुनिक सुविधाओं से लैस अदालतों और रहने के लिए घरों का निर्माण किया जा रहा है। इतना ही नहीं गुरुग्राम में 200 करोड़ रुपए की लागत से उत्तर भारत का सबसे बढिय़ा न्यायिक परिसर और रहने के लिए घर बनने जा रहा है। इसके अलावा सोहना और पटौदी में भी न्यायिक परिसर बनाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से अदालतों, अधिवक्ताओं के लिए चैम्बर, जजों के लिए घर आदि का निर्माण करने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जिला कुरुक्षेत्र की कोर्ट में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और यह जिला गुणवतापूर्ण न्याय और तेजी के साथ न्याय देने में अग्रिम जिला बनेगा।

हाई कोर्ट की जज एवं कुरुक्षेत्र सैशन डिवीजन के प्रशासनिक जज रेखा मितल ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि चार दशक पहले अदालतों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में सभी को मालुम था, लेकिन हाई कोर्ट द्वारा जिला और उपमंडल स्तर की अदालतों को नए भवन और अन्य सुविधाएं देने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए है। अदालतों में अधिवक्ताओं व उपभोक्ताओं की हर सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है ताकि लोगों को अच्छे और सुविधाजनक तरीके से न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि अदालत को न्याय का मंदिर कहा जता है, इसलिए न्याय के इस मंदिर से कम खर्चे पर गुणवतापूर्ण न्याय देना प्रथम लक्ष्य है। उपायुक्त डा. एसएस फुलिया ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि जस्टिस सूर्यकांत के प्रयासों से जिला कुरुक्षेत्र को आधुनिक सुविधाओं से लैस न्याय परिसर मिला है, इस परिसर में सुंदर और अच्छा वातावरण उपलब्ध करवाया गया है, इससे कार्य करने की क्षमता में इजाफा होगा।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश शालिनी सिंह नागपाल ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग, जिला बार एसोसिऐशन के प्रधान मनोज कौशिक, एडीजे आरसी डिमरी, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश सिंह, न्यायाधीश गुरविन्द्र कौर, न्यायाधीश नंदिता कौशिक, न्यायाधीश नताशा शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम नेहा नौहरिया सहित अन्य न्यायाधीश और बार एसोसिऐशन के सदस्य एवं अधिवक्ता मौजूद थे।

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