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: पुलिस और डाक्टरों की लापरवाही के खिलाफ आज होगा प्रदर्शन
: शमीम का खतना करने वाला बोला मेने खुद खतना किया था
यूनुस अलवी
मेवात : नूंह जिला के गांव झांडा गांव निवासी 22 वर्षीस शमीम की मौत का मामला उलझता ही जा रहा है। डाक्टरों की पांच सदस्य टीम ने दी मेडिकल रिपोर्ट में शमीम का खतना नहीं दिखाया है। जिसकारण शमीम को दफनाने की बजाऐ उसका दाह संस्कार कर दिया गया। डाक्टर और पुलिस की लापरवाही के खिलाफ मंगलवार को नूंह में एक दर्जन सामाजिक संस्थाओं के बेनर तले नूंह विरोध प्रदर्शन किया जाऐगा। वहीं मृतक शमीम और उसके अन्य तीन भाईयों का खतना करने वाले नाई नूर मोहम्मद का कहना है कि डाक्टरों ने जो रिपोर्ट दी है वह गलत दी है क्योंकि उसने खुद शमीम का खतना किया था। वहीं शमीम के बडे भाई शाहरूप का कहना है कि वे चार भाई हैं चारों भाईयों का एक साथ बच्पन में ही नूर मोहम्मद नाई ने खतना किया था।
आज कई संस्था करेगी प्रदर्शन
मेवात विकास सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उमर मोहम्मद पाडला का कहना है कि मेवात विकास सभा के आहवान ने हमारा अधिकार मोर्चा, मेवात युवा संगठन सहित एक दर्जन सामाजिक संस्थाऐं मिलकर मंगलवार को नूंह में विरोध प्रदर्शन कर आरोपी डाक्टर और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई की मांग की जाऐगी।
क्या कहते हैं समाज सेवी
समाजसेवी दीन मोहम्मद मामलीका, ऐडवेकेट रमजान चौधरी का कहना है कि शमीम के मर्डर मामले में तावडू और रोजका मेव पुलिस ने शुरू से ही लापरवाही बरती है। जब पीडित लोगों ने 25 अप्रैल को ही तावडू थाना व एसपी मेवात को शिकायत कर दी थी तो मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया। वहीं तब डेड बोडभ् रोजका मेव पुलिस को मिली थी तो तभी उसकी सूचना आसपास गांव के लोगों को क्यों नहीं दी गई। उन्होने लापरवाह पुलिस कर्मियों वे डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाऐ।
गौरतलब है कि गांव झांडा निवासी 22 वर्षीय शमीम का शव 24 अप्रैल को रोजका मेव पुलिस को अरावली पहाड में मिला था। जिसको डाक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट के बाद उसे दफनाने की बजाऐ उसका दाह संस्कार कर दिया गया था।