नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वुहान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथआज पहली अनोपचारिक मुलाकात की। राष्ट्रपति जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत अपने प्रोटोकॉल को तोड़कर किया । उन्होंने वुहान के ऐतिहासिक म्यूजियम में उनका स्वयं स्वागत किया और दोनों के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता उसी म्यूजियम में हुई।
इससे पूर्व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के चीन पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। दोनो। नेताओं के बीच हुई पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चीन का दौरा करने की बात याद की । साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उससे पहले एक पर्यटक के रूप में भी उन्होंने चीन का दौरा किया था। तब लगभग 3 माह वहां रहकर वहां की संस्कृति के बारे में स्टडी करने की बात का खुलासा भी किया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि हम पांच तत्वों पर चलकर विश्व की 40% आबादी का भला कर सकते हैं। विश्व की 40% आबादी का भला करने का दायित्व हम दोनों पर है ।
हमारे बीच का विश्वास दुनिया के लिए नई शक्ति बनेगा । उन्होंने कहा कि दोनों देशों देशों का विश्वास धीरे धीरे लोगों के बीच बढ़ेगा। मोदी ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग को भारत आने का न्योता भी दिया । उन्होंने कहा कि आपको भी मेरी तरह ही अनोपचारिक शिखर वार्ता के लिए भारत आना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 तत्व सोच ,संपर्क सहयोग संकल्प और सपने दोनों देशों की उम्मीद को पूरा कर सकता है । उन्होंने दोनों देशों के बीच आम जनता में संपर्क बढ़ाने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्था ने दुनिया के देशों को प्रभावित किया है। न्यू इंडिया और न्यू एरा का प्रयास दुनिया के हित में है। भारत चीन विश्व में शांति सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं । हमारे संपर्क से सहयोग सपने संकल्प से दुनिया को फायदा पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की जरूरत है।