जिला बागवानी अधिकारी की गिरफ्तारी पर उठे सवाल

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जब एफआईआर में नाम नहीं था तो गिरफतार किस आधार पर किया

डीएचओ के परिजन, वकील और गांव ढाणा के सरपंच ने विलीलैंस विभाग के इंजार्च पर लगाए आरोप

अदालत ने तीसरे दिन की जमानत पर छोडा जिला बागवानी अधिकारी को

यूनुस अलवी

 
मेवात :   जिला बागवानी अधिकारी की गिरफतारी को लेकर उनके परिजन, वकील और गांव के सरपंच ने विलीलैंस विभाग के इंजार्च पर गंभीर आरोप लगाऐ हैं। परिजनों और उसके वकील का आरोप है कि एफआईआर में डीएचओ सुभाष चंद का नाम भी नहीं है, विजीलैंस विभाग के डीजीपी ने उसे अपनी जांच में निर्दोष पाया जबकि कृषि विभाग के मुख्य सचिव ने भी सुभाष की गबन का नहीं बल्कि लारवाही मानते हुऐ सैक्षन सात के तहत सस्पेंड किया था जो बाद में रेगूलर जांच में निर्दोष पाया गया। वहीं विजीलैंस इंस्पेक्टर ने बिना किया सबूत के डीएचओ को धोखे से बुलाकर अरेस्ट लिया। अदालत ने भी डीएचओ की अरेस्टिंग पर सख्त टिपणी की है। अदालत ने तीन दिन बाद ही उसे जमानत पर छोड दिया।
 
 बागवानी विभाग मेवात के तत्कालीन डीएचओ सुभाष चंद के वकील ताहिर हुसैन देवला ने बताया कि किसानों को टपका योजना के तहत सुक्षम यंत्र 90 फीसदी सबसिडी पर वर्ष 2011-12 में दिऐ थे। इनमें पुन्हाना खंड के गांव ढाणा में करीब 82 यत्र दिये गये थे। बाद में लोगो ंने आरोप लगाया था कि मौके पर यंत्र लगे नहीं है। और उनकी सबसिडी अधर में ही डकार गऐ हैं।
 
   इस मामले की उच्च स्तरीय जांख् वीलीलैंस के डीजीपी हरियाणा ने कराई। जांच में पाया गया  िकइस मामले में काफी घपला हुआ है। जांच में किसानों के अंगूठों के निषानांे की जांच कराई गई जो फर्जी पाऐ गऐ। इसके बाद विलीलैंस विभाग ने उच्च अधिकारियों के आदेष पर ष्षमीम अहमद मालिक फर्म दिहाना इंटर प्राईजिज, खलील अहमद उद्यान विकास अधिकारी, सतपाल राघव सहायक परियोना अधिकारी सहित करीब चार लोगों के खिलाफ धोखा घडी से गबन करने की विन्न धाराओं के तहत 3 नवंबर 2015 को मामला दर्ज किया गया था। 
 
  इस मामले में गुडगांव के विजीलैंस अधिकारी 27 मार्च को सुभाष चंद को अरेस्ट किया था। जिसे अदालत ने जेल भेज दिया था। ष्षनिवार को सुभाष चंद की जमानत में बहस हुई जिसमें सुभाष चंद को अदालत ने जमानत दे दी। आरोपी के भाई जगदीष का कहना है कि उसके भाई को जानबूझकर झंूठा फंसाया गया है। वहीं ऐडवोकेट ताहिर हुसैन देवला ने भी मामना कि जब एफआईआर में सुभाष का नाम नहीं हैं और उच्च अधिकारी सुभाष को अनी ओर से क्लीन चिट दे चुके हैं फिर सुभाष को गिर गुनाह पर अरेस्ट किया गया।
 
  वहीं गांव ढाणा के सरपंच इसलाईल का कहना है कि डीएचअसें इमानदार अफसर हैं। उनके गांव में करीब 82 टपका यंत्र लगे थे जो आज भी मौजूद हैं। सरपंच का कहना है कि मालिक दिहाना इंटर प्राईजिज फर्म  के मालिक षमीम अहमद  की उनके गांव ढाणा में रिष्तेदारी है। पार्टी बाजी के चलते डीएचओं को झंठा फंसाया गया है। असली आरोपियों को बचाने के लिए डीएचओ को बली का बकरा बनाया गया है।

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