भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोपी भाजपा नेता अर्जित गिरफ्तार

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केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का बेटा है अर्जित शाश्वत

शाश्वत पिछले विधानसभा चुनाव में भागलपुर से भाजपा के प्रत्याशी थे, चुनाव हार गए थे 

पटना । बिहार के भागलपुर शहर में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा और बिना अनुमति के जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस ने शनिवार की रात केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे और भाजपा नेता अर्जित शाश्वत को पटना में गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें रविवार को भागलपुर की अदालत में पेश किया गया जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अर्जित के पिता अश्विनी ने आरोप लगाया है कि यह विपक्ष की साजिश है और वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। उनका कहना है कि उसे जानबूझ कर फंसाया गया है।

मिडिया की खबर के अनुसार पटना के सहायक पुलिस अधीक्षक राकेश दूबे ने रविवार को अर्जित को पटना के स्टेशन गोलंबर के पास शनिवार की देर रात गिरफ्तार करने का दावा किया है। उनके अनुसार पुलिस को उनके पटना में होने की सूचना मिली थी. सूचना के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और उसे धर दबोचा।

दूसरी तरफ शाश्वत ने गिरफ्तारी से पहले पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि वह आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह भी कहा कि  मुझ पर कोई दबाव में नहीं था और मैं यहां हनुमान मंदिर में प्रणाम करने आया था.  इसके बाद मैंने यहीं पर आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया।

शाश्वत ने बताया कि उन्होंने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया था जो खारिज हो गयी. इसकी सूचना उन्हें शाम को मिली। इसके बाद उन्होंने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।

गौरतलब है कि शाश्वत चौबे पर 17 मार्च को भागलपुर में बिना अनुमति के धार्मिक जुलूस निकालने और उस दौरान सांप्रदायिक हिंसा भडक़ाने का आरोप लगा है। भागलपुर की अदालत ने 24 मार्च को गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था। उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की जो अदालत द्वारा खारिज कर दी गयी थी।

इस प्रकरण में शाश्वत का कहना है कि  नाथनगर पुलिस ने गलत तरीके से मामला दर्ज कर उन्हें फंसाया है. उन्होंने सवाल किया कि जय श्री राम और राष्ट्र हित का  नारा लगाना कैसे गलत है ? बिहार के बक्सर क्षेत्र से भाजपा सांसद अशविनी चौबे के पुत्र शाश्वत पिछले विधानसभा चुनाव में भागलपुर से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे, लेकिन चुनाव हार गए थे। इस मामले को विपक्ष लगातार टूल दे रहा है और बिहार के सीएम नितीश कुमार की किरकिरी हो रही थी.

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