प्रधानमंत्री ने किया “टीबी उन्मूलन” शिखर सम्मेलन का उद्घाटन
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में “टीबी उन्मूलन” शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में उम्मीद जताई कि टीबी के खात्मे के लिए दिल्ली में हो रहा टीबी उन्मूलन शिखर सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस रोग के खात्मे के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। यह गरीबों के जीवन में सुधार से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि इसका सबसे ज्यादा शिकार भी गरीब ही होते हैं।
पीएम ने कहा कि उनका मानना है कि जब कोई कार्य दस साल बीस साल से किया जा रहा है, और उसके नतीजे वैसे नहीं आते हैं जैसी की अपेक्षा की गई थी, तो हमें अपनी अप्रोच बदलकर देखना चाहिए। जिस तरह से कार्य किया जा रहा है, जिस तरह की योजनाओं को लागू किया गया है, जमीन पर जिन तरह से काम हो रहा है, उसे बहुत व्यापक तरीके से analyze करने की आवश्यकता होती है। जब आप गंभीरता से पुरानी प्रक्रियाओं को analyze करते हैं, तभी नई अप्रोच का रास्ता खुलता है।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इसी सोच के साथ भारत की Health और Family Welfare Ministry, WHO South East Asia Region और Stop TB Partnership मिलकर एशिया, अफ्रीका और दुनिया के अनेक देशों के प्रतिनिधियों को आज एक मंच पर लाए हैं। इसी साल सितंबर में United Nations में General Assembly की महत्वपूर्ण बैठक भी होने जा रही है। इस बैठक से पहले की तैयारी के तौर पर आज का ये आयोजन, पूरी मानवता के लिए बहुत अहम है। मुझे उम्मीद है कि “Delhi End TB Summit” TB को धरती से हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में एक landmark event के तौर पर जाना जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 2025 तक पूरी तरह से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है जबकि वैश्विक लक्ष्य 2030 का है। उन्होंने कहा कि सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारों की भूमिका अहम हैं और उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इस अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है।
मोदी ने कहा कि टीबी को खत्म करने के लिए टीबी फिजीशियन और स्वास्थ्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि हर वो व्यक्ति जो इस बीमारी को हराकर ही दम लेता है, वो भी प्रशंसा का पात्र है।
उन्होंने मिशन इंद्रधनुष और स्वच्छ भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह केंद्र सरकार तय किए गए लक्ष्यों को लेकर तेजी से कार्य कर रही है। भारत में TB को 2025 तक खत्म करने के लिए जो National Strategic Plan बनाया गया था, वो अब पूरी तरह operational है। सरकार द्वारा TB से जुड़ी योजनाओं पर बजट लगातार बढ़ाया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में ही हमारी सरकार ने इस बीमारी के मरीजों को पौष्टिक सहायता देने के लिए अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करने का प्रावधान किया है। मरीजों को nutritional support खरीदने में दिक्कत न हो, इसके लिए उनके बैंक अकाउंट में सरकार की तरफ से सीधे आर्थिक सहायता ट्रांसफर की जा रही है। TB के मरीजों की सही पहचान हो, Active Cases के बारे में समय पर पता चले, जो दवाइयां दी जा रही हैं, वो प्रभावी हैं भी या नहीं, drug-resistant TB तो नहीं है, इन विषयों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।