हिसार : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष व अग्रोहा विकास ट्रस्ट अग्रोहाधाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग व कृष्ण लाल गर्ग की माता सरवती देवी की शोक सभा मिलेनियम पैलेस में हुई। इसमें अनेकों नेता, सामाजिक, धार्मिक व व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रदेशभर से भारी संख्या में भाग लिया। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने शोक सभा में कहा कि मैं और मेरा पूरा परिवार माता जी के बताए हुए रास्ते पर चलकर पहले की तरह व्यापारी, वैश्य समाज व आम जनता के हित में अपनी अग्रणी भूमिका देश व प्रदेश में निभाते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारा पहला धर्म जनसेवा है जिस में किसी प्रकार की कभी कोई कमी नहीं आने देंगे। प्रमुख समाज सेवी वी.के. भारती ने माता जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व० श्रीमती सरवती देवी का जन्म नलवा गांव के जिंदल परिवार में 1921 में हुआ ।
पिता स्व० किशन जिंदल व माता जय देई के लालन पालन में सरवती देवी ने 5वी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की । सन 1935 में इनकी शादी लाला लख्मी चंद्र बुड़ाकिया से हुई। पांच बच्चो में दो पुत्र व तीन पुत्रियों पर माताजी ने हमेशा बड़ा स्नेह बना कर रखा और जीवन पर्यन्त उन के साथ हर सुख दुःख में खड़ी रही और साथ ही परिवार ने भी अपना फर्ज निभाते हुए उन की भरपूर सेवा की। आज वो अपने दो पुत्र, दो पुत्रियों व चार बहुओं सहित तीन पौत्र, पांच पोत्रियों व एक पड़पौत्र सहित भरा पूरा व खुशहाल परिवार छोड़ कर गयी है। उनके आशीर्वाद से, पूज्य पिताजी की छत्रछाया में तथा ईश्वर की अनुकम्पा से परिवार फल फूल रहा है।
उनकी मधुर स्मृतिया सभी सदस्यो के ह्रद्यो में विराजमान है और स्वर्णिम प्रकाश प्रदान कर रही है। स्व० श्रीमती सरवती देवी वास्तव में एक देवी का रूप थी। वह जीवन पर्यन्त धर्म परायण रही। उनका केवल परिवार से ही नहीं हर जीव, जंतु ,प्राणी व मानव जाति से गहरा लगाव था । इसी कारण वह हर रोज सुबह 5 बजे उठने के बाद मंदिर में पूजा अर्चना करने के उपरान्त बाकी समय समाज सेवा में ही देती थी। वो हर समय हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहती थी उन्होंने शादी के बाद बुड़ाकिया व जिंदल परिवार में प्रेम,सौहार्द्र व मान सम्मान बढ़ाने के लिए हर प्रकार का समन्वय बना कर रखा। उन्हीं के पद चिन्हों चलते हुए आज उनका परिवार धार्मिक, सामाजिक, व्यापारिक व अन्य कल्याण कार्यों में अनेकों रूपों में लगा हुआ है। ईश्वरीय कृपा से समाज का पूर्ण प्रेम इस परिवार को प्राप्त है।