पांच वर्षों में सबसे अधिक आय
नई दिल्ली : स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी नीलामी से उम्मीद के अनुसार पैसे नहीं मिले. पांच दिनों तक चली यह नीलामी काफी सुस्त रही और केवल 65,789 करोड़ की ही बोली लगी. केंद्र सरकार को यह उम्मीद थी कि इससे कम से कम 5.6 लाख करोड़ मिलेंगे. दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इससे 32,000 करोड़ का अग्रिम भुगतान प्राप्त होगा.
अशर्याजनक बात है कि सरकार ने जिन सभी स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिये प्रस्तुत किया था उनमे से केवल 40 प्रतिशत स्पेक्ट्रम में ही विभिन्न कंपनियों ने रूचि दिखाई. 60 प्रतिशत स्पेक्ट्रम के तो खरीददार ही नहीं मिले.
वोडाफोन सबसे आगे
हालत यह हो गए कि कि 4जी दूरसंचार सेवाओं के लिये जरूरी प्रीमियम बैंड में भी कोई बोली नहीं आई। वोडाफोन की भारतीय इकाई वोडाफोन इंडिया ने इस नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाई. इस कम्पनी ने 20,000 करोड़ का स्पेक्ट्रम खरीदा । दूसरी तरफ भारत कि सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने 14,244 करोड़ जबकि आइडिया सेल्युलर ने 12,798 करोड़ की बोली लगाई।
सबसे चौकाने वाली बात यह रही कि दूरसंचार क्षेत्र में नई नई उतरी रिलायंस जियो ने नीलामी में 13,672 करोड़ का स्पेक्ट्रम खरीदा। टाटा टेलीसर्विसेज ने इस दौरान 4,500 करोड़ की बोली लगाई है और उसने मुंबई में अपना स्पेक्ट्रम यथावत रखा. उल्लेखनीय है कि मुंबई में टाटा टेलीसर्विसेज का लाइसेंस खत्म होने वाला था। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि जिन सात बैंडों में कुल 2,354.55 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम बिक्री के लिये रखा गया था लेकिन इसमें केवल 964.80 मेगाहट्र्ज के लिये ही बोलियां मिलीं हैं।
सिन्हा ने दावा किया कि सरकार को इस नीलामी में कुल 32,000 करोड़ का अग्रिम भुगतान प्राप्त होगा जो पिछले पांच साल कि अवधि में सबसे अधिक है. कुल 964.80 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम ही बेचे जा सके.