भारत और ईरान के बीच कुल नौ समझौते

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आतंकवाद और उग्रवाद को धर्म के दायरे से बाहर किया 

नई दिल्ली :  भारत और ईरान ने आतंकवाद और उग्रवाद के मामले को धर्म से जोड़कर न देखने का संकल्प लिया. दोनों देशों ने आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर रोक लगाने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने कुल नौ समझौतों पर हस्ताक्षर कर अपने संबंधों को नई मजबूती देने की दिशा में कदम बढ़ाया . भारत के दौरे पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग से और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की.

ख़ास बातें :

 

रणनीतिक चाबाहार बंदरगाह से संबंधिक कनेक्टिविटी भी शामिल

ईरान और भारत के बीच सामरिक सहयोग के निर्माण के लिए ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने दोनों देशों के बीच सूफी संबंधों की दुहाई दी

आतंकवाद से निपटने के लिए दृढ़ निश्चय का किया इजहार

मोदी ने कहा, “भारत और ईरान, दोनों देशों के लोग शांति और सहिष्णुता में विश्वास करते हैं

हम दोनों आतंकवाद, उग्रवाद, अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और अन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराधों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध

रूहानी ने आतंकवाद को न केवल पूरे क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक समस्या बताया

उन्होंने कहा, “हमें आतंकवाद की जड़ों से लड़ना चाहिए

इस लड़ाई में भारत सहित सभी मित्र देशों के साथ सहयोग करने को तैयार

भारत और ईरान के बीच संबंध “किसी भी देश के लिए हानिकारक नहीं

दोनों देशों और क्षेत्र के बेहतर भविष्य में योगदान करने को राजी

 

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच बढ़ती बातचीत का स्वागत किया

दोनों पक्षों ने आतंकवाद पर चिंता व्यक्त की

दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों पर चर्चा की

दोनों पक्षों के बीच एक राय थी कि आतंकवाद की निंदा करने की जरूरत

आतंकवाद के पनाहगाहों का अंत होना चाहिए

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