गुडग़ांव, 1 फरवरी। केंद्र सरकार में वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आज वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया। बजट में मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास के संकल्प को पूरा करने की पूरी झलक देखने को मिली। इसे रोटी,कपड़ा, मकान और किसान का बजट कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। ये कहना है भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व आईआरएस अनुराग बख्शी का।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बख्शी ने कहा कि समाज के हर वर्ग का ध्यान इसमें रखा गया है। 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन की योजना के साथ 4 करोड़ घरों में मुफ्त बिजली के कनेक्शन की बात कही गई है। 2 करोड़ नए शौचालयों का निर्माण, 51 लाख नए घरों का निर्माण, 9 हजार किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और 4 हजार किलोमीटर लम्बी नई रेल पटरियों का निर्माण न केवल देश में औद्योगिक विकास और बड़ी संख्या में रोजगार देने का काम करेंगे साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों में इज ऑफ लिविंग फॉर दी कॉमन मैन के लक्ष्य को पूरा करने का काम भी करेंगे।
बजट में किसानों की आमदन बढ़ाने के उद्देश्य से और खेती बाड़ी को मुनाफे का सौदा सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी किसानों के हित के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसी प्रकार छोटे उद्यमियों और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए नये रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु 250 करोड़ तक की टर्नओवर वाली कम्पनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से घटा कर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। बख्शी ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए एक चुनौती भरा और साहसिक निर्णय जो लिया है वो है प्रत्येक परिवार के लिए 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा। ये निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीति से ऊपर उठ कर सामाजिक दूरदर्शिता का बहुत बड़ा प्रमाण है।
बजट प्रस्तावों में वर्ष 2018-19 में मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ तक के कर्ज का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2020 तक 50 लाख युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने की बात कही गई है। अगले वर्ष पडऩे वाली महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को वर्ष भर हर्षोल्लास के साथ मनाने की योजना राष्ट्रपिता के प्रति सरकार के समर्पण को दर्शाती है।
वर्ष 2017-18 में तय खर्च के संशोधित अनुमानों को पेश करते हुए वित्तमंत्री ने 21.57 लाख करोड़ के खर्चे के अनुमान पेश किये हैं। वित्तीय घाटे को वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद के 3.5 प्रतिशत और वर्ष 2018-19 में 3.3 प्रतिशत के भीतर रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो देश की अर्थव्यवस्था की सेहत के चुस्त दुरूस्त होने का प्रमाण है। काले धन के खिलाफ जारी लड़ाई और नोटबंदी के दूरगामी परिणामों का हवाला देते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 85.51 लाख नये करदाताओं ने आयकर निटर्न दाखिल की है और प्रत्यक्ष कर में चालू वित्तवर्ष में 90 हजार करोड़ की अतिरिक्त आय हुई है।
वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार ईमानदार करदाताओं के सम्मान और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही वित्तमंत्री ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि देश में वेतनभोगी आयकर रिटर्न भरने वाले 1.89 करोड़ हैं जबकि दूसरे व्यापारी, उद्यमी और प्रोफेशनल कुल मिलाकर 1.88 करोड़ हैं जो आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए विशेष राहत के प्रावधान किये गये हैं। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को भी स्वास्थ्य बीमा के तहत 50 हजार तक के खर्चे की छूट दी गई है।
कुल मिलाकर बजट में किसान, कर्मचारी, युवा, महिलाओं, व्यापारियों सभी के हितों का ध्यान रखा गया है और इसलिए ये बजट भारत निर्माण के साथ-साथ भारत उदय के लक्ष्य को प्राप्त करने का काम करेगा।