भारत के सौ रईसों में पतंजलि के मालिक बालकृष्ण

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नामी गिरामी हस्तियों में 48 वें स्थान पर

 

हरिद्वार : कुछ साल पहले तक हो  सकता है यह सुनकर लोगों को आश्चर्य होता लेकिन अब शायद सुखद आश्चर्य की बात हो कि बाबा रामदेव के बाल् शखा आचार्य बालकृष्ण का नाम भारत के सौ सर्वाधिक संपत्ति वाले लोगों की सूचि में शामिल है. फोर्ब्स की ओर से जारी इस सूचि में इनका नाम कई नामी गिरामी हस्तियों को पछाड़ कर 48 वें स्थान पर अंकित हो गया है.

 

25 हजार करोड़ की संपत्ति

 

बड़े रईसों में शामिल इस नाम के पास अनुमानतः 25 हजार करोड़ की संपत्ति है. टूथपेस्ट से लेकर शैम्पू तक सबकुछ बनाने वाली पतंजलि कम्पनी का 97 प्रतिशत हिस्सेदारी बालकृष्ण के नाम है.

हो सकता है उन्हें देखकर किसी को ऐसा  नहीं लगता हो कि कुछ ही वर्षों में धोती कुरता पहनने वाला यह व्यक्ति अचानक ही दशकों पुरानी कई कम्पनियों के सीईओं को पीछे छोड़ चुका है. खास बात यह है कि जिसकी जड़ें योग और आयुर्वेद में हों वह बड़ी आधुनिक प्रोफेसनल कंपनियों को धक्का देकर काफी आगे बढ़ गए .

सालाना कारोबार आगामी वर्षों में 10,000 करोड़

वर्ष 1995 में हरिद्वार में दिव्य फार्मेसी के रूप में केवल 50 करोड़ रुपये के ऋण से शुरू की गई पतंजलि का सालाना कारोबार आगामी वर्षों में 10,000 करोड़ की सीमा में पहुँचने के आसार हैं. यह हालाँकि यह दावा किया जाता है कि  बालकृष्ण वेतन नहीं लेते हैं लेकिन वे 97 प्रतिशत हिस्से के मालिक हैं. ऐसे में उन्हें वेतन लेने कि आखिर आवश्यकता भी के हो सकती है.

यह भारतीय संस्कृति व सामाजिक संरचना की विडंबना है कि पतंजलि की स्थापना करने वाले असली मालिक योगगुरु बाबा रामदेव का नाम फ़ोर्ब्स कि सूचि में नहीं है.  आध्यात्मिक राह  पर चलने का दावा करने वाले इस व्यावसायी के पास आज आईफोन है, महंगी गाड़ी है और वो सारी आधुनिक सुविधाएँ हैं जो आज किसी रईस के पास होतीं हैं. इतिहास इन दोनों मित्रों को किस रूप में यद् रखेगा यह तो अभी पता नहीं लेकिन दोनों मित्रों की अंतरंगता व आपसी निर्भरता कमाल की है जो एक विशुद्ध व्यावसायी या उद्यमी के बीच में भी नहीं होती है.

 

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