चुनाव आयोग ने दिया आम आदमी पार्टी को झटका : 20 विधायकों को अयोग्य ठहराया

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नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को ‘लाभ का पद’ रखने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. आयोग ने उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए राष्ट्रपति को सिफारिश की है. निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्‍छेद 102(1)(A) और 191(1)(A) के तहत यह कार्रवाई की है. इस प्रावधान के अनुसार अनुसार संसद या फिर विधानसभा का कोई सदस्य अगर लाभ के किसी पद पर होता है तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है. यह लाभ केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर लागू होता है.

उल्लेखनीय है कि आप के इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद से ही इनकी सदस्यता पर सवाल खडा हो गया था. कहा जा रहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति 22 जनवरी को रिटायर होने जा रहे हैं. अपनी रिटायरमेंट से पहले वे सभी पेंडिंग केस को खत्म करना चाहते हैं. आयोग की नजर सभी पुराने मामले निपटाने पर  हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का का कहना है कि चुनाव आयोग इसका फैसला नहीं कर सकता. इसका फैसला अदालत में होना चाहिए.

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. इसे लाभ का पद बताते हुए प्रशांत पटेल नाम के वकील ने राष्ट्रपति के पास शिकायत की थी . पटेल ने इसे लाभ का पद मानते हुए इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. इसमें शामिल विधायक जनरैल सिंह ने पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. अब  इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20  है.

केंद्र सरकार ने विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध किया था. केंद्र की ओर से  दिल्ली हाईकोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई गयी थी. केंद्र सरकार का मानना था कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा.  विधायकों को संसदीय सचिव बनाने  का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है.

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