नई दिल्ली : केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जहारानी मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सरकारों का आह्वान किया है कि वे नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए एक-दूसरे के साथ और केन्द्र के साथ सहयोग करें। श्री गडकरी आज नई दिल्ली में नदियों को जोड़ने के लिए विशेष समिति की 14वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। श्री गडकरी ने जोर देकर कहा कि गुणवत्ता को बनाए रखते हुए निर्माण लागत कम करने के उद्देश्य से बेहतर तकनीकी मॉडल तैयार किए जाएं, ताकि धन के कारण परियोजनाओं की गति धीमी न हो। उन्होंने राज्य सरकारों का यह भी आह्वान किया कि वे विदेशी एजेंसियों से कम ब्याज पर ऋण सहित नये वित्तीय मॉडलों का पता लगाएं।
श्री गडकरी ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने से देश में एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक बदलाव आएगा और ऐसे अनेक क्षेत्रों में समृद्धि आएगी, जो आज काफी कम विकसित हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम काफी मात्रा में नदियों का जल बचा सकें, जो समुद्र में चला जाता है और इस जल को पानी के अभाव वाले क्षेत्रों में भेज सकें, तो हम पानी की कमी वाले अनेक राज्यों की समस्या का समाधान कर सकेंगे।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं के कार्यान्वयन के समय विस्थापित व्यक्तियों का पुनर्वास पूरी तरह सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें दु:ख होता है कि विभिन्न परियोजना स्थलों से बड़ी संख्या में विस्थापित व्यक्ति अभी भी पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं, जबकि परियोजनाएं काफी समय पहले पूरी हो चुकी हैं।
विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए श्री गडकरी ने कहा कि राज्यों के समूह बनाए जाएंगें और मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल राज्यों का दौरा करेंगे तथा विभिन्न लंबित मुद्दों पर संबद्ध राज्य सरकार के साथ मौके पर बातचीत करेंगे। नदियों को आपस में जोड़ने की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन राशि का जिक्र करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि अब समय आ गया है, जब हमें इन परियोजनाओं के लिए निधीयन की नई प्रक्रियाओं की तरफ देखना होगा। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे निश्चित निधीयन प्रस्तावों के साथ आगे आऐं, जिन्हें विदेशी फंडिंग एजेंसियों के साथ उठाया जा सकता है। श्री गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय इस कार्य के लिए राज्यों की हर संभव मदद करेगा।
बैठक में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धरम पाल सिंह, तेलंगाना के सिंचाई मंत्री टी. हरीश राव तथा केन्द्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में नदियों को आपस में जोड़ने के लिए विशेष समिति की 17 जुलाई, 2017 को नई दिल्ली में हुई 13वीं बैठक की रिपोर्ट की पुष्टि की गई। बैठक में पिछली बैठक के दौरान लिए गए फैसलों पर आगे कार्य करने की भी समीक्षा की गई। जिन अन्य मुद्दों को उठाया गया, उनमें केन-बेतवा लिंक परियोजना, दमनगंगा-पिंजाल और पर-तापी-नर्मदा लिंक परियोजनाओं को मंजूरी देने की स्थिति की जानकारी देना शामिल है। बैठक में जानकारी दी गई कि केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी गई है और एक समझौता ज्ञापन पर जल्दी ही हस्ताक्षर किये जाएंगे। इसके अलावा अन्य दो परियोजनाओं के लिए भी सभी प्रमुख मुद्दों को सुलझा लिया गया है। बैठक में नदियों को आपस में जोड़ने के लिए नदी बेसिन में अतिरिक्त जल, अंतर-राज्य लिंक प्रस्तावों की स्थिति, राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी का पुनर्निर्माण, टीएफआईएलआर के अंतर्गत वित्तीय पहलुओं के समूह का गठन, राष्ट्रीय परियोजना के रूप में नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजनाओं (आईएलआर) पर विचार और गोदावरी के पानी का कावेरी बेसिन (चरण-1) तक पथ परिवर्तन के वैकल्पिक प्रस्ताव जैसे अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गईं।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की 24 जुलाई, 2014 को हुई बैठक में नदियों को आपस में जोड़ने के बारे में विशेष समिति के गठन को मंजूरी दी गई थी। 23 सितंबर, 2014 को इसका गठन किया गया। समिति की पहली बैठक 17 अक्टूबर, 2014 को हुई। समिति सभी साझेदारों के सुझावों पर विचार करने के बाद नियमों के अनुसार नदियों को आपस में जोड़ने के लक्ष्य में तेजी लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। वैकल्पिक योजनाओं के विकास के साथ आपसी सहमति बनाने और परियोजनाओं के कार्यान्वन के लिए रोड मैप तैयार करने की दिशा में जबर्दस्त प्रयास किये जा रहे हैं।