2018 में गुरुग्राम जिला का लिंगानुपात 935 करने का लक्ष्य

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पिछले वर्ष का लिंगानुपात 901 रहा

अब तक का सर्वाधिक लिंगानुपात

गुरुग्राम, 17 जनवरी। वर्ष-2018 में गुरुग्राम जिला का लिंगानुपात 935 करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले वर्ष जिला का जन्म के समय का लिंगानुपात 901 रहा जोकि अब तक का सर्वाधिक है। इस संबंध में जानकारी आज पीसी पीएनडीटी एक्ट को प्रभावी ढंग से जिला में लागू करने के लिए गठित जिला एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता जिला एप्रोप्रिएट अथोरिटी एंव सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा ने की। बैठक में सर्वसम्मति से जिला का लिंगानुपात और बेहतर बनाने के लिए एक्ट को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया। सभी सदस्य इस बात पर एक मत थे कि एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ न्यायालय में शिकायत दाखिल की जाएगी।
 
बैठक में बताया गया कि गुरुग्राम जिला में पीसी पीएनडीटी तथा एमटीपी एक्ट के तहत वर्ष-2017 में कुल 24 एफआईआर दर्ज करवाई गई जबकि वर्ष-2016 में 12 एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। ये भी बताया गया कि जन्म के समय हरियाणा प्रदेश का लिंगानुपात वर्ष-2017 में 914 रहा जबकि 2016 में यह अनुपात 900 था। प्रदेश में 945 के लिंगानुपात के साथ पानीपत जिला प्रथम स्थान पर रहा है और गुरुग्राम को 901 लिंगानुपात के साथ प्रदेश में 16वां स्थान मिला है। सबसे आखिर में 881 लिंगानुपात के साथ जिला महेन्द्रगढ़ है। यह भी बताया गया कि गुरुग्राम जिला का 2017 में लिंगानुपात 901 रहा जबकि 2016 में यह अनुपात 883 था।
 
बैठक में उप सिविल सर्जन डा. सरयु शर्मा ने बताया कि इस सैक्स सिलेक्शन ड्रग्स बेचने पर भी जिला में चार एफआईआर दर्ज की गई हैं और इनमें से एक में अदालत द्वारा आरोपी को सजा भी सुनाई गई है। सैक्स सिलेक्शन ड्रग्स बेचने पर पूरे प्रदेश में 65 एफआईआर दर्ज की गई हैं जिसमें सबसे ज्यादा 12-12 एफआईआर यमुनानगर व कैथल में दर्ज हुई है। इसके अलावा, बैठक में पीएनडीटी एक्ट के तहत दर्ज शिकायतों पर भी चर्चा की गई। 
 
आज की बैठक में सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा ने सभी सदस्यों से कहा कि वे जिला का लिंगानुपात सुधारने के लिए उपयोगी सुझाव दें। साथ ही उन्होंने जिलावासियों से भी अपील की कि भ्रुण की लिंग जांच करने वालों को पकड़वाने में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सहयोग दें। लिंग जांच करने वालों तथा अवैध रूप से गर्भपात करने वालों की सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रूपये का ईनाम दिया जाएगा तथा उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। 
 
इस अवसर पर उप जिला न्यायवादी एस एस नाहर, सदस्य अधिवक्ता अरविंद वर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग से सीडीपीओ प्रभावती , सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग एनसीआर के उप-निदेशक आर एस सांगवान सहित कमेटी के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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