स्टेट एसोसिएशंस को दिए जाने वाले बड़े फंड को रोकने के लिए कहा गया
नई दिल्ली : लगता है बीसीसीआई कि पूरी टीम जानबूझ कर देश को दिग्भ्रमित करना चाहती है. कल शाम से अकाउंट्स फ्रीज की खबरों ने मिडिया कि सुर्ख़ियों में जगह बना ली. किसी ने भी लोढ़ा कमेटी कि ईमेल को ठीक से पढ़कर उसका सही मतलब निकालने की कोशिश नहीं की बल्कि बिसिसिआई ने जों कहा उस पर बबल मचा दिया. अब जस्टिस आरएम लोढ़ा ने मंगलवार को सुबह स्थिति स्पष्ट की तो मामला समझ में आया. लोढ़ा कमेटी की ओर से कहा है कि बीसीसीआई को स्टेट एसोसिएशंस को दिए जाने वाले बड़े फंड को रोकने के लिए कहा गया है। रूटीन के खर्चे पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीसीसीआई के खातों को फ्रीज नहीं किया गया है।
जस्टिस लोढ़ा ने ततकाल स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी खेल या सीरीज को रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होएँ कहा कि बीसीसीआई को उन्होंने सोमवार को ईमेल भेजा
था. इसमें स्टेट एसोसिएशंस को बड़ा फंड जरी नहीं करने की हिदायत थी ।उनके अनुसार इस ईमेल को न केवल ठीक से पढ़ा नहीं गया बल्कि उसका गलत मतलब निकला गया।एक सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बात कहीं नहीं थी कि रूटीन खर्चे मसलन मैच, क्रिकेट एक्टिविटी या एडमिनिस्ट्रेशन के लिए पैसा रोका जाएगा।
इस बीच खबर तैरने लगी कि लोढ़ा समिति द्वारा भेजे गए ई-मेल के कारण यस बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सोमवार को बीसीसीआई के अकाउंट फ्रीज करने का फैसला लिया। ऐसा इसलिए क्योंकि लोढ़ा समिति को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया है। बीसीसीआई के खाते सीज करने वाली लोढ़ा कमेटी की सिफारिश के बाद न्यूजीलैंड के साथ चल रही मौजूदा टेस्ट सीरीज और आगे के कार्यक्रम भी प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है। लेकिन लोढ़ा के ताजा बयान के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया है।