लोकसभा में सौ प्रतिशत हुए काम जबकि राज्यसभा का 50 प्रतिशत समय बेकार गया !

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संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त 

वर्ष 2018 का बजट सत्र 29 जनवरी, 2018 से होगा आरंभ 

दोनों सदनों द्वारा 13 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये जा सके

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : कई प्रकार के विवादों पर हुए हंगामे के बावजूद इस बार शीत कालीन लोकसभा की बैठकों की उत्‍पादकता 91.58 प्रतिशत रही. दूसरी तरफ उच्च सदन राज्‍यसभा की उत्‍पादकता केवल 56.29 प्रतिशत ही रही. स्पष्ट है कि राज्यसभा के लगभग 50 प्रतिशत समय इस बार हंगामे की भेंट चढ़ गए. सरकार की अथक कोशिश व सक्रीयता का नतीजा रहा कि सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तनातनी के बावजूद दोनों सदनों द्वारा 13 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये जा सके .  वर्ष 2018 का बजट सत्र 29 जनवरी, 2018 से आरंभ होगा. 

शीत कालीन संसद के सत्रावसान के अवसर पर केन्‍द्रीय संसदीय एवं रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र, 2017 परिचालित विधायी कार्य तथा राष्‍ट्रीय महत्‍व के विविध मुद्दों पर विचार-विमर्श में सभी राजनीतिक दलों की व्‍यापक भागीदारी के लिहाज से एक सफल सत्र रहा है।  इस अवसर पर संसदीय एवं सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्‍वयन राज्‍य मंत्री  विजय गोयल एवं संसदीय मामले तथा जल संसाधन राज्‍य मंत्री अजुर्न राम मेघवाल भी उपस्थित थे।

 अनंत कुमार ने सूचना दी कि संसद का शीतकालीन सत्र, 2017, जो शुक्रवार, 15 दिसंबर, 2017 को आरंभ हुआ था, शुक्रवार, 05 जनवरी, 2018 को समाप्त हो गया। उनके अनुसार सत्र के दौरान 22 दिनों की अवधि में कुल 13 बैठकें हुईं। लोकसभा की उत्‍पादकता 91.58 प्रतिशत और राज्‍यसभा की उत्‍पादकता 56.29 प्रतिशत रही।

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस सत्र के दौरान, 14 विधेयक (लोक सभा में) प्रस्‍तुत किए गए। सत्र के दौरान लोक सभा ने 13 विधेयक और राज्य सभा ने 9 विधेयक पारित किए। 13 विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए।

उनका कहना था कि केंद्र सरकार तीन तलाक विधेयक एवं राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग विधेयक जैसे महत्‍वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के लिए प्रतिबद्ध है. राष्‍ट्रीय महत्‍व के ऐसे सभी मुद्दों पर सभी दलों से सहयोग की उम्‍मीद की जाती है। मंत्री ने कहा कि जैसी कि संसदीय मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीपीए) की अनुशंसा है, संसद का बजट सत्र 29 जनवरी, 2018 से आंरभ होगा।

शीतकालीन सत्र 2017 के दौरान विधायी कार्यों के बारे में बताया गया कि सत्र के दौरान 2017-18 के लिए पूरक अनुदान मांगों तथा संबंधित विनियोग विधेयकों का दूसरा एवं तीसरा बैच प्रस्‍तुत किया गया. उन पर भी चर्चा की गई तथा उन्‍हें पारित किया गया।

अध्यादेशों की जगह लेने वाले तीन विधेयक : 

माल और सेवा कर (राज्यों के लिए मुआवजे) संशोधन अध्यादेश, 2017, भारतीय वन (संशोधन), अध्यादेश, 2017 और दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2017 जो राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित किए गए थे, पर लोकसभा द्वारा विचार और पारित किया गया था। केन्द्रीय सामान और सेवा कर नामक अध्‍यादेश की जगह लेने वाला (राज्यों के लिए मुआवजा) केवल एक विधेयक, राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका।

उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त, सत्र के अन्य मुख्य आकर्षणों में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए राष्‍ट्रीय बैंक (संशोधन) विधेयक, 2018 एवं कंपनी (संशोधन) विधेयक 2017, भारतीय प्रबंधन संस्थान, 2017 और भारतीय संस्थान पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्‍थान (आईआईपीई) विधेयक, 2017 का संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना शामिल रहा।

I – लोक सभा पेश किए गए विधेयक

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक 2017
ग्रैच्युटी का भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2017
दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक, 2017
भारतीय वन (संशोधन) विधेयक, 2017
जन प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 2017
उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्त) संशोधन विधेयक, 2017
विशेष राहत (संशोधन) विधेयक, 2017
केन्द्रीय वस्तु और सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक, 2017
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2017
मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2017
विनियोग (नं. 5) विधेयक, 2017
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक, 2017
पराक्रम्य लिखत (संशोधन) विधेयक, 2018
उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018
नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक, 2018
विनियोग विधेयक, 2018

II – लोक सभा द्वारा पारित विधेयक

निरस्त और संशोधन विधेयक, 2017
निरस्त और संशोधन विधेयक (दूसरा) विधेयक, 2017
केंद्रीय सड़क निधि (संशोधन) विधेयक, 2017
स्थाई सम्पत्ति अधिग्रहण (संशोधन) विधेयक, 2017 के
भारतीय वन (संशोधन) विधेयक, 2017
विनियोग (नं. 5) विधेयक, 2017
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2017
केन्द्रीय वस्तु और सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक, 2017
मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2017
प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थलों और अवशेष (संशोधन) विधेयक, 2017
उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्त) संशोधन विधेयक, 2017
विनियोग विधेयक, 2018

III – राज्य सभा द्वारा पारित विधेयक

कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2017
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट विधेयक, 2017
भारतीय वन (संशोधन) विधेयक, 2017
भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) विधेयक, 2017
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2017
निरस्त और संशोधन विधेयक, 2017
निरस्त और संशोधन विधेयक (दूसरा) विधेयक, 2017
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2017
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (संशोधन) विधेयक, 2017

IV – संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक

कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2017
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट विधेयक, 2017
भारतीय वन (संशोधन) विधेयक, 2017
भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) विधेयक, 2017
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2017
निरस्त और संशोधन विधेयक, 2017
निरस्त और संशोधन विधेयक (दूसरा) विधेयक, 2017
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2018
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (संशोधन) विधेयक, 2018
# केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक, 2017
# विनियोग (नं. 5) विधेयक, 2017
# विनियोग विधेयक, 2018
# उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश (संशोधन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2017

V – वापस लिए गए विधेयक

उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2015

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