नीतीश सरकार ने नई खनन नीति वापस ली
पटना ,21 दिसंबर : लालू यादव के बिहार बंद से ऐन पहले और भारी विरोध के बीच नीतीश सरकार ने अपनी नई खनन नीति वापस ले ली । हालांकि राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बंद के ऐलान को वापस नहीं लिया। आरजेडी के बिहार बंद का पूरे राज्य में असर देखने को मिला । आरजेडी समर्थक जगह-जगह हाथों में बैनर पोस्टर लिए सड़क को जाम करते दिखाई दिए। सुबह से ही कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर दुकानें बंद करा रहे थे। कई जगहों पर ट्रेन रोकी गई है। सड़क पर आगजनी भी की गयी है। सड़क जाम और ट्रेन रोकने से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
पटना में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी बंद का नेतृत्व करते हुए सड़कों पर उतरे। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। स्थानीय प्रशासन ने तेजस्वी प्रसाद यादव, तेजप्रताप यादव,डॉ रामचंद्र पूर्वे सहित अन्य नेताओं को हिरासत में लिया। इसके पूर्व तेजस्वी ने सभा को संबोधित किया और कहा कि राज्य सरकार गरीब विरोधी है। राजद किसान मजदूर नौजवानों, महिलाओ के साथ लड़ाई जारी रखेगा।
कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने सडक़ों पर आगजनी कर रास्तों को अवरुद्ध कर दिया है और कई स्थानों पर ट्रेनें भी रोकी गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बंद समर्थक सुबह से ही सडक़ों पर उतर आए हैं। बंद के कारण पटना के अधिकांश निजी स्कूलों को पहले ही बंद रखा गया है। राजद के बिहार बंद का असर सुबह से ही पटना जिले में देखने को मिला। मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने मनेर में विरोध प्रदर्शन किया। पटना के बस स्टैंड के पास भी राजद कार्यकर्ताओं ने सडक़ों पर टायर जलाकर इस नई नीति का विरोध किया।
नवादा, बांका, दरभंगा, मधुबनी में भी लोग सडक़ों पर उतरे और सडक़ जाम कर प्रदर्शन किया। दरभंगा, बांका और पटना में रेलों का भी परिचालन बाधित किया गया। राजद की बंदी को लेकर राज्यभर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह ‘शुकराना समारोह’ को लेकर बाहर से आए सिख समुदाय के लोगों को कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा खास ख्याल रखा जा रहा है।