मेगा माक ड्रिल के दौरान सड़क यातायात पर कोई प्रतिबंध नहीं : उपायुक्त

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फोटो : राजू गुप्ता 

अधिकारी व कर्मी निजी मोबाइल का नहीं करेंगे प्रयोग : संदीप खिरवार

सात प्रमुख संस्थानों व स्थानों में मेगा माक ड्रिल

एनडीआरएफ, आर्मी, एयर फोर्स, एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ की टीम करेगी आकलन 

सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक 

गुरुग्राम । गुरुग्राम में गुरुवार 21 दिसम्बर को हो रहे मेगा माक एक्सरसाइज के दौरान शहर में सड़क परिवहन व्यवस्था आम दिनों की भांति सुचारू रहेगी। वाहनों की आवाजाही सामान्य रहेगी। शहर के सात प्रमुख संस्थानों व स्थानों में हो रहे इस ड्रिल केदौरान भी किसी भी सड़क पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा जबकि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को भी आकष्मिक परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इससे आम जनता को कोई परेशानी नहीं होगी। यह ड्रिल संभावित किसी आपदा के लिए सरकारी विभाग व आम जनता की तैयारी, क्षमता व सतर्कता का आकलन करने के लिए की जा रही है।

यह कहना था गुरुग्राम के जिला उपायुक्त विनय प्रताप ङ्क्षसह का। श्री ङ्क्षसह आज अपने कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मेगा माक एक्सरसाइज के संबंध में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इस ड्रिल के लिए शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सात स्थानों का चयन किया गया है जहां इसका एक्सपेरिमेंट किया जाएगा। इसमें एक आवासीय क्षेत्र, औद्योगिक संस्थान में से विप्रो काल सेंटर, शिक्षण संस्थान में एमडीआई, क्रिटिकल बिल्डिंग में मिनी सचिवालय, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मेट्रो हुडा सिटी सेंटर, कामर्शियल संस्थान में एमजीएफ माल को शामिल किया गया है। इस ड्रिल का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक निर्धारित है हांलांकि रेस्क्यू आपरेशन पूरा होने तक यह जारी रहेगी।

एक सवाल के जवाब में उपायुक्त का कहना था कि शहर के सरकारी एवं सभी निजी अस्पतालों को सतर्क कर दिया गया है। किसी प्रकार की आकस्मिक परिस्थिति में घायल व्यक्ति से कोई भी निजी अस्पताल कोई श्ुाल्क नहीं वसूलेगा जबकि ड्रिल के दौरान कथित घायलों को सर्ज प्लेस पर आकलन कर उसकी आवश्यकता के अनुसार उसे अस्पतालों में भेजा जाएगा। हालांकि उन्होंने इसके लिए कितने बेड रिजर्व किए गए हैं इसकी कोई जानकारी नहीं दी। उनका तर्क था कि आकस्किमक परिस्थिति तो अचानक उत्पन्न होती है इसलिए ऐसा करना व्यवहार्य नहीं हो सकता।

ड्रिल में आपदा से निपटने के लिए सरकारी विभागों की दो टीमें गठित की गई हैं। पहली रिस्पांसिव टीम में पुलिस , फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस और हेल्थ विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को शामिल किया गया है जो प्रथम सूचना पर रिस्पांस देंगे जबकि दूसरी रेस्क्यू टीम बनाई गई है जिसमें एमसीजी, पीडब्ल्यूडी, पब्लिक हेल्थ एवं एनिमल हसबेंड्री विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इस एक्सरसाईज में सभी संबंधित विभागों की सतर्कता व आपदा से जूझने की क्षमता का आकलन होगा।

इस एक्सरसाईज में आपदा प्रबंधन को मैनेज करने के लिए तीन मुख्य स्टेप बनाए गए हैं जिनमें डग, कवर और होल्ड करना शामिल है। उनका कहना था कि संबंधित टीम को यह निर्देश स्पष्ट कर दिया गया है कि आकस्मिक घटना की सूचना मिलते ही अपना आपा खोये विना त्वरित रिस्पांस देना है और इसमें किसी प्रकार की असावधानी नहीं होनी चाहिए।

शहर के शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा को लेकर पूछे गए सवाल पर विनय प्रताप ङ्क्षसह ने स्पष्ट किया कि सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों को सेफ्टी गाईड लाइन का पालन करने को कहा गया है। उन्हें भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

प्रेस वार्ता में मौजूद जिले के पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार का कहना था कि इस मेगा माक ड्रिल में एनडीआरएफ, आर्मी, एयर फोर्स, और एनएसजी, बीएसएफ और सीआरपीएफ की टीम भी शामिल है लेकिन वे सभी आबजर्बर के रूप में अपदा प्रबंधन की हमारी तैयारी, क्षमता एवं त्वरित रिस्पांस व रेस्क्यू के तौर तरीके का आकलन करेंगे और उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को देंगे।

जब उनसे मेगा माक ड्रिल के दौरान होने वाले संभावित केजुअल्टी से निपटने की व्यवस्था पर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पुलिस के अलग -अलग अधिकारियों को संबंधित जिम्मेदारी दी गई है। हमारी व्यवस्था मुकम्मल है। सभी सर्ज प्लेस जहां घायलों को लाकर उसका आकलन किया जाएगा उसके खास इंतजाम किए गए हैं। किसी प्रकार की चूक की कोई आशंका नहीं है।

माक ड्रिल के दौरान कोई भी अधिकारी व कर्मचारी चाहे व पुलिस के हों या सामान्य प्रशासन के सभी पुलिस की ओर से दिए गए 150 वायरलेस सेट का ही प्रयोग करेंगे। इस दौरान निजी मोबाइल के उपयोग की अनुमति नहीं होगी जबकि सरकारी वाहन एवं एम्बुलेंस की बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई है जिसका रेस्क्यू एवं रिस्पांस के काम में उपयोग किया जाएगा।

 

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