सभी जलघरों के ऊपर सोलर सिस्टम लगाए जायेंगे : राव नरवीर

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हरियाणा में 12.1 एम् ऍफ़ पानी की कमी 

प्रदेश के 117 ब्लाकों में से 64 ब्लाक में पानी का अति दोहन

चंडीगढ़ 16 दिसंबर :  हरियाणा के सभी तालाबों की सफाई करवाई जाएंगी ताकि कुदरती पानी का संरक्षण बेहतर तरीके से की जा सकें। इसके अलावा, राज्य में जलघरों के ऊपर सोलर सिस्टम को स्थापित करके पानी के वाष्पीकरण को रोका जाएगा। इससे जहां पानी की बचत होगी वहीं दूसरी ओर ऊर्जा के स्रोतों को भी बढाया जाएगा। 
 
यह जानकारी आज यहां हरियाणा के प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दौरान हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरवीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित पानी की हर बूंद का सदुपयोग विषय पर आयोजित सत्र में दी गई।  इस अवसर पर हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरवीर सिंह ने कहा कि राज्य के पास पानी के सीमित स्रोत हैं परंतु हमारे पास जो स्रोत हैं उनका सदुपयोग होना चाहिए ताकि पानी की बचत करके उसे अन्य कार्यों में भी उपयोग किया जा सकें। 
 
उन्होंने कहा कि पानी की बचत के लिए लीकेज और सीपेज को रोककर कैरियर चैनलों को दुरूस्त किया जाए ताकि पानी की पूरी बचत हो सकें और पानी को सदुयोग हो। इसी प्रकार, एसटीपी को स्थापित करके उसके पानी को रिसाइकल किया जाए ताकि पानी के सीमित के स्रोत का प्रयोग किया जा सकें। इसी प्रकार, वाटर हारवेस्ंिटंग को पूरी व सही तरीके से स्थापित करके कुदरती पानी को बचाया जा सकता है। 
 
राव नरवीर सिंह ने कहा कि राज्य में सबसे ज्यादा पानी का उपयोग कृषि क्षेत्र मे होता हैं और इसी कडी में किसानों को फसलों में पानी के उपयोग के बारे में जानकारी देनी होगी कि फसलों में कम पानी देने से फसल अच्छी होती हैं और इस बारे में किसानों के पास जाकर समझाना होगा। 
 
इस अवसर पर हरियाणा के जनस्वास्थ्य  एवं अभियांत्रिकी मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि हमें जो पानी मिल रहा हैं उसका पूरा संरक्षण होना चाहिए और उसका पूरा सदुपयोग हो ताकि आने वाले समय में पानी की समस्या से निजात मिल सकें। 
 
सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि हरियाणा राज्य को 32.76 प्रतिशत एमएएफ पानी की आवष्यकता है जबकि राज्य को 9.45 एमएएफ पानी कैनाल से और 11.28 एमएएफ ग्राऊंड से पानी मिल रहा है अर्थात हमें 20.73 एमएएफ पानी की उपलब्ध हो रहा है। वहीं दूसरी ओर हरियाणा के 117 ब्लाकों में से 64 ब्लाक पानी का अति दोहन करने में शामिल हैं। सत्र में कृषि के बारे में भी चर्चा की गई जिसमें फसलों के विविधिकरण पर जाना होगा और कम पानी के उपयोग वाली फसलों को अपनाना होगा। उन्होंने बताया कि अनियमित ग्राऊंड वाटर के दोहन को रोकना होगा। इसके साथ साथ पानी उपयोग की विधियों के बारे में राज्य के लोगों को समझाना होगा। 
सत्र केन्द्रीय भूजल बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सुषील गुप्ता ने बताया कि आज हरियाणा में लगभग 9 लाख टयूबवैलों की संख्या हैं जबकि पहले यह केवल 25 हजार थी इससे भी पानी का दोहन अधिक हो रहा हैं। इसी प्रकार, वर्ष 1980 में हरियाणा की वाटर टेबल 7 से आठ मीटर थी जो अब बढकर 17 से 18 मीटर हो गई हैं, इसके लिए हमें पानी का सरंक्षण करना होगा। उन्होंने बताया कि भागीदार ग्राऊउ वाटर प्रबंधन प्रणाली को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस प्रकार का कास्त बंट रही हैं उसी अनुरूप टयूबवैलों की संख्या भी बढ रही है इसलिए कम्यूनिटी टयूबवैल को अपनाना होगा। 
 
सत्र के दौरान काडा के चीफ इंजिनियर  राजीव बंसल, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजिनियर इन चीफ मनपाल सिंह, सिंचाई विभाग के इंजिनियर इन चीफ वीरेन्द्र सिंह, फतेहाबाद के उपायुक्त  हरदीप सिंह ने भी सत्र के दौरान अपनी प्रस्तुतियां देकर पानी की प्रत्येक बूंद को बचत करने के संबंध में अपने-अपने सुझाव और उनके विभाग द्वारा किए गए कार्यकलापों व उपलब्धियों की जानकारी दी।
 
सत्र में ओपन हाऊस चर्चा भी की गई जिसमें विभिन्न सुझाव आए। सत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजयबर्धन, अतिरिक्त मुख्य सचिव  वी एस कुंडू, हरियाणा पुलिस महानिदेषक बीएस संधू, अंकुर गुप्ता,  श्रीकांत बाल्गद सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। 

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