तीन तलाक पर अंकुश लगाने वाले विधेयक को मोदी मंत्रिमंडल की हरी झंडी

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नई दिल्ली  :  तीन तलाक पर अंकुश लगाने वाले मुस्लिम महिला(विवाह संरक्षण अधिकार) विधेयक, 2017 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी.  केंद्र सरकार ने कहा है कि इस विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं की गरिमा व सुरक्षा को संरक्षित करना है। इस विधेयक के अनुसार तीन तलाक अपराध की श्रेणी रखा जाएगा और तीन तलाक देने वाले के लिए तीन वर्ष कारावास का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया । संसद के शीत सत्र में इस विधेयक को पेश किए जाने की उम्मीद है।

केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में संसद सत्र का हवाला देते हुए इस विधेयक की पूरी जानकारी देने से इनकार किया। उन्होंने दावा किया कि जिन राज्य सरकारों को इस विधेयक के मसौदे को भेजा गया था सभी ने इसका समर्थन किया है। बताया जाता है कि इस विधेयक में तीन तलाक को संज्ञेय व गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है जिसके तहत तीन वर्ष कारावास की सजा का भी प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक सर्वोच्च न्यायालय की ओर से गत 22 अगस्त को दिए गए निर्णय के आलोक तैयार किया गया है. उक्त निर्णय में तीन तलाक को अवैध बताया गया है  ।

निर्णय में अदालत ने कहा था कि तीन तलाक इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।कानून मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसका देश की प्रगति में दीर्घकालिक असर पड़ेगा.  

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