हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और केंद्रीय बाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु सम्मेलन में नहीं आये
जिला उपायुक्त विनय प्रताप ने गुरुग्राम को निवेश के लिए उद्यमियों की पहली पसंद बताया
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
गुरुग्राम : थिंक बिग वुमेंन इन बिजनेस 2017 सम्मेलन में एक हजार से अधिक उद्यमी शामिल हुए । इनमे से अधकितर महिला उद्यमी थी जो हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों से आई थीं। हालांकि इसमें न तो हरियाणा के सीएम मनोहरलाल आये और न ही देश के बाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु आये। केंद्रीय मंत्री ने अपना वीडियो संदेश जरूर भेजा था। हालांकि सम्मेलन के उद्घाटन मंच पर कर्नाटक की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी , के रत्नप्रभा और गुरुग्राम के जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह और नेशनल वुमेन कमीशन की पूर्व अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम अवश्य मौजूद थीं जिन्होंने महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने संबंधी कई विन्दुओं की आवश्यकता पर प्रमुखता से प्रकाश डाला। इसके अलावा कार्यक्रम में हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल के आने का दावा भी किया गया था लेकिन वे भी नहीं आये.
आरंभ में थिंक थ्रू कंसल्टिंग के मैनेजिंग पार्टनर पारुल सोनी ने प्रोग्राम की थीम और उसके प्रारूप को विस्तार से रखा। उन्होंने जानकारी दी कि इस सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से 15 सौ उद्यमी पहुंचे हैं जिनमें अधिसंख्य महिला उद्यमी हैं। उन्होंने सभी का स्वागत किया।
समिट के उद्घाटन के लिए केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को आना था लेकिन वे नहीं आ पाए और उन्होंने महिला उद्यमियों के लिए अपना वीडियो मैसेज भेजा जिसमें श्री प्रभु ने कहा कि हमें ना केवल ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की स्थिति सुधारनी है बल्कि बिजनेस में ज्यादा से ज्यादा लैंगिक समानता लाने की दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में जैसे बैंकिंग, फाइनेंस, पेय पदार्थों आदि में अग्रणी है और बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों को कुशलता से संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं सफल उद्यमी सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने इस समिट की प्रतिभागियों को बधाई दी।
समिट में अपने विचार रखते हुए गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने हरियाणा विशेषकर गुरुग्राम को निवेश के लिए उद्यमियों की पहली पसंद बताते हुए महिला उद्यमियों का आह्वान किया कि वे भी हरियाणा में अपने उद्योग लगाएं। उन्होंने हरियाणा सरकार की उद्यम प्रोत्साहन नीति-2014 तथा ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के बारे में विस्तार से चर्चा की और बताया कि हरियाणा अब ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में निरंतर बेहतरी की ओर है। अब हरियाणा ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में पहले पांच स्थानों में आ गया है। श्री सिंह ने कहा कि ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस के अंतर्गत एक छत के नीचे उद्यमियों की सभी समस्याओं को दूर किया जा रहा है और समयबद्ध तरीके से क्लीयरैंस दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सेफ्टी ऑडिट करवाया जा रहा है और इस ऑडिट में जहां भी सुरक्षा संबंधी कमियां मिलेंगी, उन्हें दूर किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि युवा पीढ़ी को नए स्टार्ट अप स्थापित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है ताकि वित्त, कराधान तथा इस दौरान आने वाली सभी अड़चनों को दूर किया जा सके। युवा पीढ़ी नई चुनौती के साथ आगे बढ़े, सफलता निश्चित तौर पर उनके कदम चूमेगी। उन्होंनें स्टार्ट-अप के माध्यम से नवीनतम कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पूरी सुरक्षा, कार्य करने का माहौल, निवेश के लिए शांतिमय व अनूकुल वातावरण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप का मतलब किसी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी को खड़ा करना ही नहीं है बल्कि अपने आस पास की समस्या के समाधान करना भी स्टार्ट अप कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नए विचारों से ही समस्याओं का निदान किया जा सकता है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कर्नाटक की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के रत्न प्रभा ने कर्नाटक सरकार की ओर से महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपनाई गई नीतियों की जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2016 में बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित इस सम्मेलन से काफी मदद मिली और कर्नाटक सरकार ने अपनी नीति में भी कई बदलाव किए। उन्होंने बताया कि कर्नाटक सरकार की ओर से महिलाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए अनुकूल वातावरण और वित्तीय सहायता के साथ साथ सब्सिडी भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि आज के समिट में भी कर्नाटक से महिला उद्यमी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।
नेशनल वीमेन कमीशन की पूर्व अध्यक्ष ललित कुमार मंगलम ने महिलाओं के लिए वर्किंग प्लेस पर अनुकूल वातावरण मुहैया कराने की बात उठाई। उन्होंने कहा कि उद्यमी वर्किंग वीमेन के लिए हेल्थ सुविधाएं नहीं देते जबकि उनकी उत्पादकता इससे बुरी तरह प्रभावित होती है। इसके लिए बनाए गए नियमों का पालन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 28 से 40 की उम्र की अधिकतर महिलाएं नौकरी से ब्रेक लेती है क्योंकि इसी उम्र में उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए समय की आवश्यकता होती है। उन्हें वर्किंग प्लेस पर क्रैश की व्यवस्था नही मिलती है। इसके अलावा सेक्सुअल हैरेसमेंट का भी सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके लिए आवश्यक जनप्रसाधन सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती हैं।
वालमार्ट के सीईओ क्रिस एयर ने केंद्र सरकार की ओर शुरू की गई मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप सहित कई योजनाओं को प्रोत्साहक बताया। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा सहित भारत के अन्य कई राज्यों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार आया है। इसलिए ही भारत का स्तर 30 पॉइंट्स ऊपर आया है। यह वास्तव में उत्साहवर्धक है। उनके अनुसार दुनिया के ग्राहकों का अनुभव है कि महिलाओं के बनाये उत्पाद पुरुष के बनाये उत्पाद से कहीं बेहतर होते हैं।
सम्मेलन को गोल्डमैन सच से संजय चटर्जी, यू के अंतराष्ट्रीय विकास विभाग के हेड गाविन मेक गिलिवारी , सहित कई प्रमुख हस्तियों ने संबोधित किया ।