भारत-कनाडा मंत्रिस्तरीय वार्षिक बैठक कल 

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कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री  फ्रांकोइस-फिलिप शैंपेन का भारत का दौरा

वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु के साथ व्यापार में भागीदारी पर होगी चर्चा 

सुभाष चौधरी/ प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : नई दिल्ली में कल शुरू होने वाले चौथे वार्षिक मंत्रिस्तरीय संवाद (एएमडी) में भाग लेने के लिए कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री फ्रांकोइस-फिलिप शैंपेन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भारत का दौरा कर रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु करेंगे।

दोनों मंत्रियों के बीच मुख्य रूप से भारत और कनाडा के बीच व्यापार के क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ावा देने के बारे में चर्चा होगी। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) के तहत संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभप्रद समझौतों को तेजी से अंतिम रूप देने के प्रयास किए जाएंगे, जिसमें माल और सेवाओं दोनों को शामिल किया जाएगा।

द्विपक्षीय व्यापार की उच्च संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच सीईपीए और विदेशी निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौते (एफआईपीए) के शुरुआती परिणामों के अनुसार और तेजी लाने के तरीके तलाशने के बारे में भी बातचीत होगी।

कनाडा के अस्थाई विदेशी श्रमिक कार्यक्रम (टीडब्ल्यूएफपी) के तहत भारत के हितों से जुड़े मसलों पर भी बातचीत होगी। इस कार्यक्रम से अल्पावधि वीज़ा लेने वाले भारतीय पेशेवरों को परेशानी हो रही है। भारतीय जैविक उत्पाद निर्यात और कनाडा की खाद्य निरीक्षण एजेंसी के बीच परस्पर निवेश का समझौता भी हो सकता है।

दोनों ही देशों के बीच लंबे समय से द्पक्षीय घनिष्ठ मित्रवत संबंध हैं।

भौगोलिक रूप से दोनों देशों के बीच भले ही दूरी हो लेकिन दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की शुरूआत 19वीं सदी के अंत में तब हुई, जब भारतीयों ने कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया में छोटी-छोटी संख्या में पलायन करना शुरू किया था। कनाडा में फिलहाल भारतीय मूल के 12 लाख से अधिक व्यक्ति रह रहे जो कि कनाडा की कुल जनसंख्या का तीन प्रतिशत हैं। हाल के कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तेजी देखी गई है। भारत और कनाडा के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में और अधिक मजबूत संबंधों की संभावनाएं हैं। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए ठोस पहल की जरूरत है ताकि सकारात्मक परिणाम मिलें।

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