गुरु गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह में सीएम ने की कई घोषणाएं

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गुरु गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह में सीएम ने की कई घोषणाएं 2

सुभाष चौधरी/ प्रधान संपादक 

चंडीगढ़, 12 नवम्बर :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज जगाधरी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह पर राज्य स्तरीय चढ़दी कला कार्यक्रम में कई घोषणाएं की, जिनमें लौहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के नाम से राज्य सरकार द्वारा एक बोर्ड या ट्रस्ट बनाया जाएगा ताकि इस क्षेत्र की ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत को संजो कर दुनिया को दिखाया जा सके और यह एक पर्यटन केन्द्र के रूप में उभरें। कपाल मोचन से लौहगढ़ के रास्ते पर भव्य मैमोरियल गेट बनाया जाएगा, बढ़ खालसा में यात्री निवास की स्थापना की जाएगी, लाडवा से झीवरहेड़ी गुरूद्वारा साहिब तक की सडक को चौडा किया जाएगा और इसका नाम गुरू तेग बहादुर के नाम से रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 22 दिसंबर से 25 दिसंबर, 2017 के दौरान पटनासाहिब में आयोजित होने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह में हरियाणा से दो विशेष रेलगाडिय़ां चलाई जाएंगी, जिनमें एक गाड़ी अंबाला और दूसरी गाड़ी सिरसा से चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगें। 

मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं आज जगाधरी में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह पर राज्य स्तरीय चढ़दी कला कार्यक्रम में की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बढखालसा में खुशहाल सिंह दहिया ने अपना शीश देकर श्री तेग बहादुर का शीश लेकर जा रहे भाई जैता को मुगल सेनाओं से सुरक्षा प्रदान की थी। उन्होंने कहा कि भाई जैता सिंह के नाम से भी संग्रहालय बनाया जाए ताकि वह आस्था का केन्द्र बनें। उन्होंने कहा कि असंध के कालेज का नाम श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेहसिंह जी के नाम पर रखा गया है। अंबाला में श्री गुरू गोबिंद सिंह पुस्तकालय का जीर्णोद्धार करने का कार्य किया जा रहा है, इसके लिए 63 लाख रुपए का खर्च होगा। कैथल मार्ग पर चिराओ मोड़ पर श्री गुरु नानक देव जी के नाम से एक प्रवेश द्वार का निर्माण करवाया जा रहा है। इसी प्रकार, प्रदेश में पंजाबी भाषा को प्रसारित करने के लिए पंजाबी के 397 पीजीटी, 392 टीजीटी अध्यापकों की सीधी भर्ती  की जा रही है और पदोन्नति की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम से वीएलडीए कालेज स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय ने भी कहा कि वे हरियाणा के कुछ कालेजों को मान्यता देकर जोडऩा चाहते हैं, जब पंजाब विश्वविद्यालय के साथ इस क्षेत्र के कालेज जुड़ेंगे तो बच्चों का विकास होगा। 

उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व पर राज्य के भिन्न-भिन्न स्कूलों और कालेजों में सेमिनार आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों की आस्था को देखते हुए श्री हजुर साहिब गुरूद्वारा, श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुण्ड साहिब ओर श्री पटना साहिब जाने वाले प्रदेश के तीर्थ यात्रियों के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के उदेश्य से गुरु दर्शन यात्रा योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सिंधू दर्शन एवं कैलाश मानसरोवर के तीर्थ यात्रियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की एक योजना प्रारंभ की है। 

उन्होंने उपस्थित साध-संगत से अपील व आह्वान करते हुए कहा कि आजादी से पहले के इतिहास और आजादी के बाद के इतिहास में बदलाव हुआ है और इसलिए आज हमें देश के लिए मरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पहले कहा जाता था कि देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देना है, परंतु अब आज के युग में देश की सीमाओं पर हमारे सैनिक तैनात है जो देश की रक्षा करते हैं, इसलिए हम जो देश के अंदर रहते हैं, को मरना नहीं बल्कि जीना सीखना है और हमें देश, पंथ के लिए जीना है ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद की जाए। उन्होंने कहा कि आज हमें भूखे को लिए रोटी, कपडे और मकान की सुविधा उपलब्ध करवाकर सेवा करनी चाहिए। उन्होंने उपस्थित साध-संगत से आहवान करते हुए कहा कि हमें इस काम में जुटे रहना चाहिए ताकि देश व प्रदेश की प्रगति भी हो। 

मुख्यमंत्री ने साध-संगत से बोले सो निहाल के तहत सीधा संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आज बड़े ही खुशी और उत्साह का मौका है दशमेश गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 12 फरवरी, 2017 को करनाल में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समारोह की शुरूआत की गई थी और आज 12 नवंबर, 2017 को इसका समापन किया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित लोगों के साथ संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आज यहां इस कार्यक्रम में पहले एक वक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं, इस पर उन्होंने कहा कि मैंं जब कभी भी यहां यमुनानगर में आया हूं तो होस्ट के नाते से ही आया हूं, इसलिए मुझे भी होस्ट ही समझा जाए। 

मुख्यमंत्री ने करनाल में आयोजित किए गए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव समारोह के बारे में बात करते हुए कहा कि इससे पहले असंध से विधायक सरदार बख्शीश सिंह विर्क ने साध-संगत के सामने कहीं गई बातें रखीं, जिन्हें पूरा करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज और जनता की भलाई के लिए किए जाने वाले कार्यों को पूरा करने के लिए वे व उनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार हर संभव कोशिश करेगी। 

श्री गुरु गोबिंद सिंह के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हालंाकि मुझसे पहले के वक्ताओं ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बारे में काफी बातें की है परंतु उनका कहना है कि हम जब कभी भी उनके बलिदान के बारे में सुनते हैं और विचार करते हैं तो रोंगटें खड़े हो जाते हैं, क्योंकि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पिता और पुत्रों दोनों का ही बलिदान दिया था और स्वयं तिल-तिल करके समाज की सेवा की थी। उन्होंने कहा कि श्री गुरू गोबिंद सिंह जी ने अकाल तख्त की स्थापना की थी। उन्होंने उपस्थित साध-संगत अर्थात लोगों से कहा कि उनकी लिखी वाणी को हमें अपने जीवन में उतारना है और देश व समाज की सेवा करनी है। 
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के अंबाला जिले के लखनौर में स्थित ननिहाल का जिक्र करते हुए कहा कि लखनौर साहिब में उनका बचपन बीता था। उन्होंने कहा कि सिरोपा की परंपरा भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही शुरू की थी, जोकि कपालमोचन से शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिरोपा भेंट कर अपने सैनिकों को सम्मानित करने का काम किया था। 
इससे पूर्व, हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष श्री सुभाष बराला ने उपस्थित साध-संगत से देश व प्रदेश के विकास के हित में अपील करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर गुरुओं द्वारा दिखाए गए मार्गों पर चलना चाहिए और समाज में समरसता के साथ-साथ भाईचारेे को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने गुरूओं द्वारा दिए गए रास्ते का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरुओं ने जातिवाद का मतलब ही नहीं रखा, इसलिए समाज के अलग अलग क्षेत्रों से पांच प्यारे चुने गए जिसके तहत समरस समाज की स्थापना करनी थी। इसलिए आज समरसता की बहुत जरूरत हैं। खालसा पंथ की स्थापना त्याग, तपस्या और बलिदान के तहत हुई थी। उन्होंने कहा कि आज शायद इस तरह के कम ही लोग होगें जो इस प्रकार से बलिदान दे सकते हैं। 
उन्होंने उपस्थित साध-संगत से अपील करते हुए कहा कि वे संकल्प लें कि गुरुओं द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए समाज को एकजुट करें और हरियाणा को तरक्की के रास्ते पर लेकर चलें। उन्होंने कहा कि इतिहास में जिन लोगों ने बलिदान दिया था आज उनके लिए हजारों-लाखों लोग इकटठा होकर कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उन्होंने कहा कि आप सब लोग दुनिया में अपने देश को अद्भूत देश बनाएं। 
असंध से विधायक सरदार बख्शीश सिंह विर्क ने कहा कि गत 12 फरवरी, 2017 को करनाल में आयोजित कार्यक्रम में जिन बातों के बारे में कहा गया था उनकी शुरूआत हो चुकी है और उन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव पर हरियाणा की ढ़ाई करोड जनता को बधाई दी और आज के कार्यक्रम में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ साध संगत और उनकी की ओर से बधाई दी। 
इस मौके पर सिख इतिहासकार हरजिन्द्र सिंह, एसजीपीसी के वाईस प्रेसीडेंट बलदेव सिंह कायमपुर, पीर साहब, बाबा त्रिलोकी सिंह, महंत बाबा कर्मजीत सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंजाबी साहित्य अकादमी और हिन्दी साहित्य अकादमी की ओर से रचित पुस्तकों का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री को इस मौके पर सिरोपा, तलवार और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। 
मुख्यमंत्री ने जगाधरी में आयोजित किए गए श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के समापन समारोह में प्रदर्शनी का अवलोकन किया और लंगर भी छका। 
इस अवसर पर हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री कृष्ण कुमार बेदी, खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री श्री कर्णदेव कम्बोज, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, सांसद रतन लाल कटारिया, विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, श्याम सिंह राणा, पर्यटन विभाग के चेयरमैन श्री जगदीश चोपडा, महंत करण सिंह, बाबा कश्मीरा सिंह, बीबी जागिर कौर, बाबा शरणजीत सिंह, बाबा बलदेव सिंह, बाबा गुरूविन्द्र सिंह, बाबा सुक्खा सिंह, बाबा करण बीर सिंह, बाबा दुर्गा सिंह, पीर बाबा, बाबा त्रिलोकी सिंह सहिह प्रदेशभर से आई साध-संगत भी उपस्थित थी। 

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