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: इनेलो लीगल सैल के जिलाध्यक्ष ने विधायक पर लगाया भगौडे को शरण देकर बचाने का आरोप
: विधायक ने कहा उनका अपराधियों से कोई वास्ता नहीं वे कार्यकर्ता हैं
: धारा 167, 168, 193, 195, 196, 218, 219, 220, 230, 342, 489 बी, 120बी, 17 एनडीपीएस ऐक्ट और : हरिजन ऐक्ट के तहत पुन्हाना
थाने में दर्ज है मुकदमा
: पुन्हाना के विधायक का खास और अदालत का भगोडा है हवालदार महबूब
: इस मामले में : एक एएसआई सहित चार पुलिस कर्मियों को किया जा चुका है बर्खास्त
: रंजिश में राजस्थान के एक आदमी को फंसाने लिये रची थी साजिश
यूनुस अलवी
मेवात : अदालत का भगौडा बरखातस्त हवालदार जैसे अपराधियों को पुन्हाना के विधायक रहीशा खान खुली शरण दे रहे हैं। अदालत का भगौडा आरोपी, विधायक के कार्यक्रमों में मंच संचालन जैसी भूमिका निभा रहा है। पुन्हाना उपमंडल के गांव हींगनपुर निवासी बरखास्त हवालदार महबूब खान को भले ही मेवात पुलिस और क्राईम ब्रांच की पुलिस नहीं ढूंड सकी हो पर इनेलो लीगल सैल के जिला अध्यक्ष ऐडवोकेट जावेद अहमद ने भगौडे महबूब खान के विधायक रहीश खान और पुलिस से साथ बेठे रहने और उनके साथ मंच सांझा करने की दर्जन भर फोटो मीडिया को दिखाई है। जावेद ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वह आरोपी से मिलीभगत कर अदालत में झूठी रिर्पोट पेश कर अदालत को गुमराह कर रहे हैं। जिसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पुलिस महा निदेशक व उच्च न्यायालय को शिकायत कर अपराधी को शरण देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं विधायक रहीश खान का कहना है कि उसका भगौडा को शरण देने का कोई मकसद नहीं हैं महबूब उसका कार्यकर्ता है और अदालत ने उसे भगौडा घोषित कर रखा है तो उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
ऐडवोकेट जावेद खान ने कहा कि हिंगनपुर निवासी महबूब को रितु यादव मोबाईल कोर्ट ने 28 सितंबर 17 को स्टेट क्राईम ब्रांच गुरूग्राम की रिर्पोट के आधार पर भगौडा घोषित किया हुआ है। जबकि महबूब को विधाक रहीशा खान के साथ खुले मंच के साथ नीजि कार्यक्रमों में खुले आम देखा जा सकता है। पिनगवां पुलिस भी विधायक के दबाव में अपराधी को गिरफ्तार करने की बजाह आंखें बंद किए हुए है। उन्होंने बताया कि इसकी पुष्टि विधायक व पिनगवां पुलिस के साथ भगौडे महबूब की फोटो साफ दिखाती है की विधायक और पुलिस आरोपी को बचा रहे हैं।
क्राईम ब्रांच के डीएसपी सुखबीर सिह ने बताया कि करीब दो साल पहले सीआईए होडल में कार्यत महबूब सहित कई पुलिस कर्मियों ने राजस्थान के गांव बोनवाडी निवासी कुदंन लाल को नकली नोट और अफीम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद पीडित कुंदन लाल ने अपने आप को बेगुनाह बताते हुऐ चंदीगढ एंव पंजाब हाईकोर्ट में कैस डाला था जिसकी जांच रेवाडी रेंज की तत्कालीन आईजी ममता सिंह को सौंपी गई थी।
आईजी ममता सिंह ने अपनी जांच में पाया कि एएसआई महमूद कि राजस्थान के गांव बोनवाडी में आस मोहम्मद नाम के आदमी से रिश्तेदारी है। राजस्थान में हुऐ पंचायत चुनाव में कुंदन लाल को आसमोहम्मद ने हरा दिया था और फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर कुंदन ने अदालत में मामला डाल रखा है। जिसका फैंसला कराने का दवाब बनाने के लिये एएसआई महमूद के इशारे में सीआईए होडल में कार्यत तत्कालीन पुलिस कर्मी महबूब, मुस्ताक और साजिद ने रंजिशन कुंदन लाल को फंसाया था। आईजी कि जांच के बाद पलवल पुलिस कप्तान ने एएसआई महमूद, हवालदार महबूब, हवालदार मुस्ताक और सिपाही साजिद को बरखास्त कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने के आदेश दिये थे।
वहीं कुंदन लाल कि शिकायत पर बरखस्त एएसआई महमूद, हवालदार महबूब निवासी हींगनपुर, एएसआई मुस्ताक निवासी शाहचौखा और सिपाही साजिद निवासी भादस के अलावा आस मोहम्मद, रफीक, इसाक निवासी बोनवाडी राजस्थान और आसु व रफीक निवासी थलचाना के खिलाफ दिनांक 2 फरवरी 2016 को धारा 167, 168, 193, 195, 196, 218, 219, 220, 230, 342, 489 बी, 120बी, 17 एनडीपीएस ऐक्ट और हरिजन ऐक्ट के तहत पुन्हाना थाने में मामला दर्ज किया गया था।
क्राईम ब्रांच के डीसएपी सुखबीर सिंह ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनके निवास पर दर्जन भर दबिश दी गई। आरोपियों को अदालत ने भी कई बार नोटिस भेजकर बुलाया लेकिन जब आरोपी अदालत के नोटिस पर भी हाजिर नहीं हुऐ तो पिनगवां अदालत ने दिनांक 28 सितंबर 17 को साजिद, महबूब, मुस्ताक, आस मोहम्मद, इसाक और रफीक को भगौडा घोषित किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए और प्रयास तेज किऐ जाऐगें।