सूरत नगर निगम ने देश के सभी नगर निगमों को पछाड़ा

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केन्‍द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने किया  ‘सर्वोत्‍तम शहरी बस सेवा पुरस्‍कार के लिए चयन 

सार्वजनिक साइकिल साझा करने के लिए मैसूर को ‘सर्वश्रेष्ठ गैर-मोटर चालित परिवहन पुरस्कार

कोच्चि (केरल) की मिलेगा ‘सर्वोत्‍तम शहरी परिवहन पहल पुरस्‍कार’

हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं 

सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : केन्‍द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सूरत नगर निगम का चयन ‘सर्वोत्‍तम शहरी बस सेवा पुरस्‍कार’ के लिए किया गया है। 87 फीसदी निजी वाहन एवं ऑटो-रिक्‍शा इस्‍तेमालकर्ताओं को शहरी बस सेवा का उपयोग करने के लिए आकर्षित करने में मिली उल्‍लेखनीय सफलता को ध्‍यान में रखते हुए ही सूरत नगर निगम का चयन इस पुरस्‍कार के लिए किया गया है। इसी तरह सार्वजनिक साइकिल साझा करने के लिए मैसूर को ‘सर्वश्रेष्ठ गैर-मोटर चालित परिवहन पुरस्कार’ प्राप्त हुआ है। उधर, कोच्चि (केरल) का चयन बड़ी तेजी से अपनी मेट्रो रेल परियोजना को पूरा करने और परिवहन के अन्‍य साधनों के साथ मेट्रो को एकीकृत करने के लिए ‘सर्वोत्‍तम शहरी परिवहन पहल पुरस्‍कार’ के लिए हुआ है। इसमें हरियाणा सहित कई अन्य राज्यों का कोई भी नगर निगम किसी भी मामले में कोई पुरस्कार नहीं ले पाया हैं .

आवास एवं शहरी परिवहन मंत्रालय द्वारा ‘सर्वोत्‍तम शहरी परिवहन विधाओं’ के लिए पुरस्‍कारों की घोषणा आज हैदराबाद में तीन दिवसीय शहरी गतिशीलता सम्‍मेलन-सह-प्रदर्शनी के समापन पर की गई। ये पुरस्‍कार आज समापन सत्र के दौरान विजेता शहरों को प्रदान किये जाएंगे।

हैदराबाद की यातायात एकीकृत प्रबंधन पहल ‘एच-ट्रिम्‍स’ का चयन ‘सर्वाधिक बुद्धिमान परिवहन परियोजना’ श्रेणी के तहत ‘प्रशंसनीय पहल पुरस्‍कार’ के लिए किया गया है। वहीं, चित्‍तूर का चयन सड़क सुरक्षा बेहतर करने के लिए शहरी पुलिस की पहल को ध्‍यान में रखते हुए ‘प्रशंसनीय पहल पुरस्‍कार’ के लिए किया गया है।

लगभग 45 लाख की आबादी वाला सूरत शहर वर्ष 2014 तक तिपहिया एवं निजी वाहनों पर अत्‍यधिक निर्भर था, जब बस त्‍वरित परिवहन प्रणाली (बीआरटीएस) और शहरी बसों का परिचालन शुरू किया गया था। मौजूदा समय में इस शहर में 28 मार्गों पर 275 शहरी बसों का परिचालन किया जा रहा है, जिनका किराया न्‍यूनतम 4 रुपये से लेकर अधिकतम 22 रुपये तक है।

पर्यटन शहर मैसूर ने इसी साल जून में 425 साइकिलों और 45 डॉकिंग केन्‍द्रों के साथ अपनी सार्वजनिक साइकिल साझा सुविधा का शुभारंभ किया था। पिछले महीने तक 6400 से भी ज्‍यादा सदस्‍यों का पंजीकरण हो चुका है। इसका किराया बेहद कम है। दो घंटे तक इस्‍तेमाल करने के लिए सिर्फ 5 रुपये बतौर किराया लिये जाते हैं।

अन्‍य पुरस्‍कार विजेता ये हैं-

मध्‍य प्रदेश : क्‍लस्‍टर आधारित बस पारगमन प्रणाली क्रियान्वित करने के लिए प्रशंसनीय शहरी जन पारगमन पहल

भोपाल : सार्वजनिक साइकिल साझा सुविधा शुरू करने के लिए प्रशंसनीय पहल

नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा : प्रशंसनीय शहरी बस सेवा परियोजना पहल

अंडमान : महिलाओं के लिए विशेष बस सेवाएं शुरू करने के लिए प्रशंसनीय पहल

लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना: प्रशंसनीय शहरी जन पारगमन पहल

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी परिवहन में सर्वोत्‍तम विधाओं को बढ़ावा देने के लिए इन पुरस्‍कारों की घोषणा की है। ये पुरस्‍कार वार्षिक ‘शहरी गतिशीलता भारत सम्‍मेलन’ के दौरान प्रदान किये गये।

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