प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के लिए स्‍पेस बिक्री पर 5 प्रतिशत जीएसटी

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विज्ञापन एजेंसी को प्राप्त बिक्री कमीशन पर 18 प्रतिशत जीएसटी

नई दिल्ली :  प्रिंट मीडिया में विज्ञापन के लिए स्‍पेस बिक्री पर जीएसटी 5 प्रतिशत की दर से लगता है। यदि विज्ञापन एजेंसी ‘प्रिंसिपल से प्रिंसिपल’ के आधार पर काम करती है, अर्थात वह किसी समाचार-पत्र संस्‍थान से स्‍पेस खरीदती है और इस स्‍पेस को विज्ञापन के लिए ग्राहकों को अपने खाते के अंतर्गत ही यानी एक प्रिंसिपल के रूप में बेचती है, तो वह ग्राहक से विज्ञापन एजेंसी द्वारा वसूली गई पूरी राशि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।

उदाहरण : यदि कोई समाचार पत्र संस्‍थान 100 रुपये मूल्‍य के किसी स्‍पेस को 85 रुपये (15 रुपये के कारोबारी डिस्‍काउंट के बाद) में किसी विज्ञापन एजेंसी को बेचता है और व‍ह विज्ञापन एजेंसी उसी स्‍पेस को 100 रुपये में किसी ग्राहक को बेच देती है तो समाचार पत्र संस्‍थान को 85 रुपये की राशि पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर से भुगतान (4.25 रुपये) करना होगा और विज्ञापन एजेंसी को समूचे मूल्‍य यानी 100 रुपये पर जीएसटी का भुगतान (5 रुपये) करना होगा तथा वह 4.25 रुपये के आईटीसी (इनपुट टैक्‍स क्रेडिट) का उपयोग इस रकम की अदायगी में कर सकती है।

वहीं, दूसरी ओर यदि कोई विज्ञापन एजेंसी किसी समाचार-पत्र संस्‍थान के एक एजेंट के रूप में कमीशन के आधार पर विज्ञापन के लिए किसी स्‍पेस को बेचती है, तो वह समाचार पत्र संस्‍थान से प्राप्त बिक्री कमीशन पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगी। इस तरह के बिक्री कमीशन पर अदा किए गए जीएसटी के आईटीसी का भुगतान समाचार पत्र संस्‍थान के लिए उपलब्ध होगा।

उदाहरण : मान लीजिए, कोई विज्ञापन एजेंसी किसी स्‍पेस को अपने खाते से नहीं, बल्कि किसी समाचार पत्र संस्‍थान के खाते से किसी ग्राहक को 100 रुपये में बेचती है और इस तरह की बिक्री के लिए समाचार पत्र संस्‍थान से 15 रुपये का कमीशन प्राप्‍त करती है। इस तरह के मामले में विज्ञापन एजेंसी को 15 रुपये के बिक्री कमीशन पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान (2.7 रुपये) करना होगा, जिसका आईटीसी समाचार पत्र संस्‍थान के लिए 100 रुपये (समाचार पत्र संस्‍थान द्वारा विज्ञापन के लिए बेचे गए स्‍पेस का मूल्‍य) पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी के भुगतान हेतु उपलब्‍ध रहेगा।

हालांकि, यदि कोई विज्ञापन एजेंसी विज्ञापन के लिए स्‍पेस बिक्री करने के अलावा कोई अन्य सेवा प्रदान करती है, जैसे विज्ञापन का डिजाइन या प्रारूप तैयार करना, और इस तरह की आपूर्ति दरअसल किसी भी समग्र आपूर्ति का हिस्सा नहीं होती है, तो उस पर 18 प्रतिशत की दर से टैक्‍स लगेगा। यदि इस तरह की आपूर्ति दरअसल किसी समग्र आपूर्ति का हिस्सा होती है, तो प्रिंसिपल की ओर से आपूर्ति पर लागू टैक्‍स दर मान्‍य होगी।

अत: सब कुछ समाचार पत्र संस्‍थान, विज्ञापन एजेंसी और ग्राहक के बीच होने वाले अनुबंध की शर्तों पर निर्भर करता है।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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