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: पिता का आरोप उसका बेटा बेकसूर फिर भी उसे दो महिने से जेल में बंद कर रखा है
: विदेश मंत्रालय और राजनेताओं से मदद नहीं मिलती देख मीडिया से मांगी मदद
: पिता दीन मोहम्मद को उम्मीद, हरिचंद की तरह उसके बेटे को भी वापस लाने में मदद
करेगा मीडिया
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात से ट्रक ड्राईवारी को छोड कर साउदी अरब में दो पैसा कमाने और बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ सकें ये सोच कर पुन्हाना खंड के गांव भूरियाकी निवासी नसीम करीब एक साल पहले साउदी अरब के रियाद में कमाने के लिऐ गया था। नसीम पिछले दो महिने से किसी झूंठे मामले में रियाद की मलज जैल में बंद है। जिसको छुडाने के लिऐ नसीम का पिता दीन मोहम्मद अब तक विदेश मंत्रालय, साउदी अरब भेजने वाले ऐंजेंट और एजेंसी के अलावा स्थानीय विधायक और राजनेताओं से गुहार लगा चुका है। दीन मोहम्मद के बेटे को जैल से निकालने के लिए सभी ने अपने हाथ खडे कर दिए हैं। आखिर कार दीन मोहम्मद ने अमर उजाला का सहारा लिया है। दीन मोहम्मद को उम्मीद है कि जब मीडिया की मुहिम के चलते साउदी अरब में फंसे हरिचंद को वापिस ला सकती है तो उनके बेटे नसीम को भी जैल से छुडाने का प्रयास करेगी।
गांव भूरियकी निवासी दीन मोहम्मद ने बताया कि उसके बेटा नसीम के चार बच्चे हैं। वह करीब एक साल पहले इंडिया की साउदी अरब स्थित इफको (ढ्ढस्न्यह्र) कंपनी में बतौर ड्राईवर 1700 रियाल प्रति माह के एग्रीमेंट पर गया था। अरब स्थित इंफको कंपनी उसको मात्र 1200 रियाल प्रति माह दे रही है। दीन मोहम्मद का कहना है कि करीब दो महिने पहले कंपनी से छुटटी के बाद पास में ही दूसरी कंपनी में बतौर गार्ड नोकरी कर रहे पाकिस्तानी से मिलने चला गया था। वह छुटटी के समय अक्सर टाईम पास करने के लिए वह पाकिस्तानी युवक के पास चला जाता था। उस दिन थोड समय पहले ही पाकिस्तानी छुटटी कर कमरे पर चला गया था। उसी दौरान यमन के दो लोगों ने उस कंपनी में कुछ सामान चेारी करने का प्रयास किया। वहां मौजूद गार्ड ने नसीम के ही फोन से पुलिस का फोन कर बुलाया लेकिन पुलिस दोनों यमनी और नसीम को पकड कर अपने साथ ले गई। पुलिस ने कुछ दिन बाद यमनियों को तो देश निकाला दे दिया लेकिन असीम आज बिना बिन किसी गुनाह के जैल में बंद है।
दीन मोहम्मद ने आरोप लगाया कि कंपनी उसके बेटो को छुडाने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। वह अब तक मेवात के सभी विधायक और नेताओं के अलावा विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा चुका है लेकिन कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा है। दीन मोहम्मद का कहना है कि अब उसे अमर उजाला अखबार से ही उम्मीद है कि वह उसकी समस्या को देश के प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री तक पहुंचाऐगा जिससे उसका बेटा वापिस घर आ सके।
उधर साउदी अरब स्थित एक कंपनी में बतौर मैनेजर काम कर रहे मेवात के अटेरना गांव निवासी हनीफ सईद ने हमारे संववाददाता को आश्वासन दिया की वह नसीम को छुडाने का पूरा प्रयास करेगा। इसके अलावा साउदी अरब में कई मेवाती भी नसीम की मदद करने को आगे आ रहे हैं।