ग्रहण का समय रात्रि 10.33 से 12.48 बजे तक
सूतक दोपहर 1.52 पर शुरू हो गया
पंडित वी के शास्त्री
आज 7 अगस्त 2017 सोमवार सावन पूर्णिमा का दिन है. आपने अब तक रक्षाबंधन का त्यौहार मना लिया होगा. अब आज ही खंडग्रास चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। इस चंद्र ग्रहण का हर एक राशि पर इसका असर पड़ेगा। जहां कुछ राशियों पर इसका असर नकारात्मक पड़ रहा है तो वहीं कुछ पर सकारात्मक असर होगा। चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक लग जाएंगे। सूतक दोपहर 1.52 पर शुरू हो गया है और इसके बाद कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। ग्रहण का समय रात्रि 10.33 से 12.48 बजे तक है। यह खंडग्रास चन्द्रग्रहण पूरे भारत में दिखेगा। कहा जाता है कि चंद्रग्रहण के समय किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है और सूर्यग्रहण के समय किया हुआ जप 10 लाख गुना फलदायी होता है।
ध्यान रहे चंद्र ग्रहण के दौरान कई सावधानियां बरतनी चाहिए। चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं. सूतक दोपहर 1.52 पर शुरू हो चुके हैं . इसके बाद कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है ।
कहां दिखेगा आज का चंद्र ग्रहण ?
7 अगस्त को लगने वाला आंशिक (खंडग्रास) चंद्र ग्रहण भी भारत के अतिरिक्त आस्ट्रेलिया, पूर्वी प्रशांत महासागर, जापान, एशिया महाद्वीप, उत्तरी ध्रुव सागर, हिंद महासागर, यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप एवं दक्षिणी अंध महासागर में देखा जा सकेगा।
ग्रहण के समय क्या करें ?
-ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है , ग्रहण के समय हज़ार काम छोड़ कर मौन और जप करिए।
-गर्भवती महिलाएं घर के अंदर ही रहें।
ग्रहण के समय क्या ना करें ?
-माना जाता है कि ग्रहण के समय सोने से रोगों की मात्रा बढ़ती है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय सम्भोग करने से सुअर की योनि मिलती है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए, दरिद्रता आती है।
-ग्रहण के समय धोखाधड़ी और ठगाई करने से सर्पयोनी मिलती है।
-ग्रहण के समय शौच नहीं जाना चाहिए, वर्ना पेट में कृमि होने लगते हैं।
-इसके अलावा ग्रहण के समय जीव-जंतु या किसी की हत्या हो जाय तो नारकीय योनि में जाना पड़ता है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन व मालिश करने वाले को कुष्ट रोग हो जाता है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ने चाहिए।
-स्कन्द पुराण के अनुसार ग्रहण के समय दूसरे का अन्न खाने से 12 साल का किया हुआ जप, तप, दान स्वाहा हो जाता है।
-ग्रहण के समय अपने घर की चीज़ों में कुश, तुलसी के पत्ते अथवा तिल डाल देने चाहिए।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय रुद्राक्ष की माला धारण करने से पाप नाश हो जाते हैं।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय दीक्षा अथवा दीक्षा लिए हुए मंत्र का जप करने से सिद्धि हो जाती है।
ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करें ?
ग्रहण खत्म होते ही स्नानादि कर नए वस्त्र पहनें।
अपने पितरों को याद करें, दान करें।
अगर आसपास कोई धार्मिक स्थल है तो वहां जाएं।
अगर आस-पास घाट हो तो वहां जाकर शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
ग्रहण काल के खत्म होने बाद देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करना चाहिए।
ग्रहणकाल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और ग्रहण खत्म होते ही पौधे को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर देना चाहिए।
घर में पोंछा लगाकर धूप-बत्ती करनी चाहिए, जिसके सारी निगेटिव ऊर्जा बाहर निकल जाए।
चंद्र ग्रहण से 4 राशियों की जिंदगी में बदलाव के आसार है :
मेष राशि
आगर आप मेष राशि के जातक है तो आपको चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक नुकसान होगा। इस समय की गई इनकी एक छोटी सी भूल भी इनको भारी पड़ सकती है और इनको बड़ा नुकसान करवाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान इनको व्यापार में होगा। इसीलिए इस समय ये पूरी सावधानी बरतें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातक को अपनी सेहत को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में कोई भी वाहन चलाने से बचें। अगर फिर भी आपको इस समय कहीं जाना पड़ रहा है तो काले कपड़े में नारियल बांधकर अपने सिर से पैर तक उतारे और इसके पानी में प्रभावित कर दें। चंद्र ग्रहण की अधिष्ठता में च्रंद्र राहु को ग्रसित करता है।
सिंह राशि
ग्रहण काल में सिंह राशि के व्यक्ति को अपनी छवि की हानी हो सकती है और आप उसको सुधारने का असफल प्रयास करेंगे। यही नहीं इस काल में जो चीज आपको सबसे अधिक प्रिय है, वो आपसे दूर जाने की संभावना है। आपकी कीमती चीज भी नष्ट हो सकती है। इन सबका तनाव आपकी सेहत पर दिखेगा।
मीन राशि
ग्रहण काल में मीन राशि के लोगों की जिंदगी में हलचल मची रहेगी और आपके आस पास की परिस्थितियां बिगड़ने लगेगी। यही नहीं आपके कार्यस्थल पर भी कुछ अनचाहे बदलाव हो सकते हैं, जिससे आप परेशान हो उठेंगे। बिगड़ती परिस्थितियां आपको बहस करने पर मजबूर करेगी। ग्रहण काल में व्यापारियों को तगड़ा झटका लगने की संभावना है।