घटिया सामान का उपयोग कर गुणवत्ता विहीन बनाए जा रहे है शौचालय
दलालों के माध्यम से कराये जा रहे हैं शौचालय निर्माण
सरकार और जनता दोनों के साथ हो रही है धोखाधड़ी
अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा चिन्हित कर होगी कार्रवाई
बैदेही सिंह
पताही/मोतिहारी : पताही में केंद्र सरकार की लोहिया स्वच्छता अभियान योजना के तहत बनाए जा रहे शौचालय निर्माण के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी खाजने को चूना लगाया जा रहा है जबकि लाभुकों को उनके लाभ से वंचित किया जा रहा है. गुणवत्ता विहीन शौचालयों का निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है. इसके लिए आवंटित पूरी राशि का उपयोग नहीं किया जा रहा है. जानकारी मिली है कि दलालों के माध्यम से सभी पंचायतों में शौचालय निर्माण कराया जा रहा है और बड़ी बारीकी से कम लागत में कम गुणवत्ता वाले मटेरियल का उपयोग कर शौचालय का निर्माण करवा कर लाभुकों से विथड्रॉल पर साइन करवाए जा रहे हैं। साफ है कि इस योजना में आम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर भुगतान लिया जा रहा है.
एक लाभुक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिहुली के वार्ड नंबर 1 अलीशेरपुर में शौचालय निर्माण के दौरान तीन लोगों द्वारा मिलकर तकरीबन 75 से 80 लाभुकों से 12000 रु. के विथड्रॉल पर साइन करवा कर भुगतान करा लिया है । आशंका प्रबल है कि अनुमंडल की अन्य पंचायतों में भी इस प्रकार की धोखाधड़ी हो रही है. लोगों का कहना है कि इसका पूरा खुलासा तभी हो सकता है जब किसी स्वतंत्र एजेंसी से इस मामले की गहन जाँच कराई जाए.
इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी शैलेश कुमार, ने आश्वस्त किया है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी करने वाले संबंधित दलालों को चिन्हित कर सीधे ऍफ़ आई आर दर्ज किया जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. दूसरी तरफ मामला प्रकास में आते ही कुछ दलालों ने वार्ड में घूम-घूमकर सर्वे कर रहे लोगों पर मुंह नहीं खोलने को दबाव डालना शुरू कर दिया है. गुणवत्ता विहीन शौचालय बनवाने वाले दलाल लोगों को अपना खाता नंबर नहीं देने को कहन रहे है । अब लाभुक उहापोह की स्थिति में है। हालाँकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने शौचालय का निर्माण स्वयं ही करवाया है उनका भुगतान अभी नहीं हो पाया है। एक ग्रामिण ने तो यहां तक बताया कि 2000 रु प्रति शौचालय सम्बंधित अधिकारियों को भी देने पड़ रहे हैं।
दलालों द्वारा बनाए जा रहे शौचालय पर लागत :
7,50 ईच का शौचालय बनाने में होता है।
– एक नंबर 1 खर्च 65 रुपए प्रति टेलर की से बिक रहे हैं,
– दो नंबर 1 जिसे मीठा पार्क कहते हैं वह ₹4000 टेलर जिसका प्रयोग शौचालय निर्माण में हो रहा है,
– लोकल बालू 1000रु. प्रति टेलर एक में हुआ है
– पच्चीस शौचालय का होता है निर्माण
-7 कट्टर लोकल बालू एक शौचालय के निर्माण पर खर्च
15 सो रुपए ले रहे हैं मिस्त्री रंग पेंट और निर्माण खर्च का
-पीठा के लकड़ी का हो रहा है उपयोग शौचालय के दरवाजे में
-200 छत पर रखे जा रहे हैं चादरा
इस तरह के गुणवत्ता विहीन और दलालों के द्वारा निर्माण किए जा रहे शौचालय कितना कारगर हो पाएंगे यह आशंका के घेरे में है. जाहिर है इस प्रकार के घटिया सामान से बने शौचालय शीघ्र ही ध्वस्त हो जायेंगे और गांव फिर बीमारी की चपेट में आते रहेंगे ।
इधर राघवेंद्र शर्मा उर्फ मुन्ना जी ने इसकी जांच कराने की मांग की . उन्होंने कहा है कि अगर अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारी और प्रदेश के मुख्यमंत्री से की जाएगी।