केन्द्रीय बिक्री कर को जीएसटी में मिलाने से व्यापारियों को लाभ : राव नरबीर

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गुरुग्राम, 7 जुलाई। हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने आज कहा कि केन्द्रीय बिक्री कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सम्मिलित करने से उसका भी व्यापारी के्रडिट ले पाएंगे जिससे व्यापारियों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर व्यापारियों को घबराने की जरूरत नही है, बल्कि इस नई व्यवस्था को समझने की आवश्यकता है। 
 
वे आज गुरुग्राम के लघु सचिवालय में व्यापारियों व उद्यमियों में वस्तु एवं सेेवा कर(जीएसटी) को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के उद्द्ेश्य से आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। 
 
सेमिनार में लोक निर्माण मंत्री ने उद्यमियों की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए कहा कि जीएसटी के अंतर्गत व्यापारी को माल और सेवाओ की खरीद पर दिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा जोकि वर्तमान कर व्यवस्था में उपलब्ध नही था। वर्तमान में अप्रत्यक्ष कर जैसे केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर व्यापारी के लिए उसकी लागत का एक महत्वपूर्ण भाग है। जीएसटी के अंतर्गत ऐसा नही होगा बल्कि वे अब उनके द्वारा दिए गए सभी प्रकार के करों का क्रेडिट ले पाएंगे। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने से आयातित माल की लागत में भी काफी कमी आएगी और इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में व्यापारियों को काफी सार्थक लाभ मिलेगा तथा चालू खर्च में कमी आने से परिचालन लागत कम हो जाएगी। उन्होंने ये भी बताया कि एन्ट्री कर को भी जीएसटी को भी जीएसटी मे शामिल कर लिया गया है ।
केन्द्रीय बिक्री कर अर्थात् सीएसटी और एंट्री कर हटाने से व्यापारियों को बहुत लाभ होगा। व्यापारी सुदूर क्षेत्रों में भी अपना माल बेच सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे व्यापारी जो केवल छूट वाली वस्तुओं का व्यापार करते हैं या जिनका कारोबार साल में 20 लाख रूपये से कम है और वे अंतर्राज्यीय सप्लाई नही करते हैं, उन्हें जीएसटी के तहत पंजीकरण करने की जरूरत नही है। 
 
राव नरबीर सिंह ने कहा कि जीएसटी को समझने में शुरू में व्यापारियों को परेशानी हो सकती है लेकिन इन परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज का यह सेमिनार रखा गया है जहां पर उद्यमी व अधिकारी एक छत्त के नीचे बैठकर जीएसटी से जुड़े संशयों को दूर कर सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की यह सेमिनार व्यापारियों की भ्र्रांतियों को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। 
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में वस्तु के क्रय, विक्रय, सेवा कर, वैट और एक्साईज सहित करीब 17 प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों को खत्म करके केवल वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) को लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि 20 लाख रूपये से कम के कारोबार वाले छोटे व्यापारियों को जीएसटी के तहत पंजीकरण करवाने की जरूरत नही है और 75 लाख रूपये तक के कारोबार वाले व्यापारियों के लिए सरल और अनुपालन में आसान कंपोजिशन स्कीम जिसके अंतर्गत टैक्स,ख्कुल कारोबार राशि के निश्चित प्रतिशत रेट पर तिमाही आधार पर जमा करना होगा। साथ ही राव नरबीर सिंह ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत रिटर्न और टैक्स भुगतान प्रक्रि या पूरी तरह से ऑनलाइन है और इस व्यवस्था में टैक्स अधिकारियों से सीधा संपर्क बहुत कम या बिल्कुल नही होगा। 
इस अवसर पर हरियाणा आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त आयुक्त रामेश्वर मेहरा ने बताया कि जिला आबकारी एवं कराधान विभाग में व्यापारियों की जीएसटी से जुड़ी शंकाओं को दूर करने के लिए गुरुग्राम के सैक्टर-34 स्थित उनके कार्यालय में हैल्प डैस्क भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर कुछ लोगों का मानना है कि महंगाई बढ़ गई है, जोकि गलत है। पहले कुछ ऐसे टैक्स थे जिन्हें हिडन टैक्स कहा जाता है, इन सभी टैक्सों को मिलाकर जीएसटी में शामिल कर दिया गया है। अब व्यापारी या डीलर स्वयं को जीएसटी में ऑनलाइन रजिस्टर करके 3 दिन में आरसी प्राप्त कर सकते है और यदि उन्हें आरसी प्राप्त करने में कोई परेशानी आती है तो वह उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त कार्यालय के हैल्प डैस्क पर जाकर संपर्क कर सकते हैं। 
उन्होंने बताया कि जिन व्यापारियों या डीलरों ने 30 जून तक वैट में अपनी रिटर्न फाइल कर दी है, वे सब जीएसटी में आ गए हैं। व्यापारियों व डीलरों के पुराने स्टॉक के इनपुट टैक्स को बाद में जीएसटी में कैरी फारवर्ड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यापारी या डीलर की इस संबंध में किसी प्रकार की शंक ा है तो वह संबंधित अधिकारियों से बातचीत करके इसे दूर कर सकते हैं। 
उन्होंने सभी व्यापारियों व डीलरों से अपील करते हुए कहा कि जिन्होंने अभी तक स्वयं को जीएसटी में माइग्रेट नही किया है वे आगामी तीन माह के भीतर स्वयं को जीएसटी में रजिस्टर कर लें ताकि उन्हें भविष्य में इसका लाभ मिल सके ।
सेमिनार में उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त सुषमा लौहान ने व्यापारियों व डीलरों को विभिन्न टैक्सों के भुगतान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने जीएसटी को लेकर पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन भी दी जिसमे जीएसटी को लेकर प्रत्येक बिंदु को विस्तार से समझाया गया था। सेमिनार में व्यापारियों के संशय दूर करने के लिए चाटर्ड अकाऊंटेट भी बुलाए गए थे जिन्होंने व्यापारियों के संशयों को क्रमवार तरीके से दूर किया। सेमिनार के अंत में उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त अंजना अरोड़ा ने आए हुए सभी अतिथियों व व्यापारियों का धन्यवाद किया। 
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