राष्ट्रपति के गोद लिये गांव रोजका मेव में मुर्दो को दफनाने तक की जगह नहीं !

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: सरकार ने वर्ष 1981 और 2008 में गांव की सारी 770 एकड जमीन अधिग्रहण कर ली थी

: अहले इसलाम की जगह पर गांव के ही एक आदमी ने कब्जा कर रखा है

: कब्जाधारी को कई अदालतें बेदखल कर चुकी हैं

: कब्जाधारी ने पटवारी से मिलकर करीब 50 साल के रिकोर्ड में कटिंग की

: जमाबंदी में कटिंग करने पर डीसी ने पटवारी को चार्जशीट किया

यूनुस अलवी

 
मेवात:    भारत के राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए गये मेवात जिला के गांव रोजका मेव में मुर्दो को दफनाने तक के लिये जगह नहीं है। कब्रिस्तान बनाने के लिये ग्राम पंचायत गांव के एक आदमी से पंचायत की जमीन खाली कराने के लिये पिछले 15 सालों से अदालत और अधिकारियों के चक्कर काट रही है। अदालतों से बार-बार पंचायत के हक में फैंसला आने के बावजूद अधिकारी जमीन को खाली नहीं करवा रहे हैं। रिकोर्ड में कटिंग कर अपना हक जताने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बजाऐ प्रशासन लीपा पौती कर रहा है। 
 
   गांव रोजका मेव की महिला सरपंच खातूनी और उसके भाई दीन मोहम्मद ने बताया कि उनके गांव में कुल 770 एकड जमीन का रक्बा था। जिसमें से 500 एकड रोजका मेव ओद्योगिक क्षेत्र के लिऐ वर्ष 1981 में सरकार ने अधिग्रहण कर ली थी। वर्ष 2008 में बाकी बची करीब 270 एकड जमीन हरियाणा सरकार ने आईएमटी रोजका मेव के नाम पर अधिग्रण की थी। जिसमें करीब 20 एकड जमीन पंचायत की शामिल थी। अधिग्रहण में गांव के तालाब, कब्रिस्तान, स्कूल आदि की जमीन भी अधिग्रहण कर ली गई। गांव की कब्रिस्तान के लिए मात्र 5 कनाल और जिस जगह में स्कूल बना हुआ है वही जगह छोडी गई थी। उस समय के सरपंच ने इस बारे में ऐतराज ना किये जाने की वजह से ये सब हो सका। उनका कहना है कि गांव के स्कूल को अपग्रेड कराने और मुर्दो को दफन करने के लिए जगह नहीं हैं। 
 
   उन्होने बताया कि गांव रोजका मेव निवासी रहमान पुत्र हरफूल पंचायत की जमीन पर गैरमोरोसी बनकर कब्जा किया हुआ है। उन्होने बताया कि एसडीएम, डीसी, कमिश्रर और हाई कमिश्रर सभी ने रहमान को बेदखल कर दिया था। बाद में चालाकी से रहमान ने रेव्न्यू रिकोर्ड में पटवारी से मिलकर अपने आप को भौंडेदार साबित करने के लिये 1966-67 से लेकर 2011-12 तक जमाबंदी में गैरमोरोसी जगह कटिंग कर भौंडेदार लिया दिया है। इस बारे में उसने मेवात के डीसी से कार्रवाई की मांग थी। नूंह तहसीलदार ने दिनांक 15 फरवरी 2017 उपायुक्त मेवात को भेजी जांच रिपोर्ट में कहा कि पटवारी अशोक कुमार ने दो-तीन जमाबंदी में कटिंग होने की बात कबूल की है जबकी करीब 50 साल के रिकोर्ड मे कटिंग की गई है। इस कटिंग से सीधा रहमान पुत्र हरफूल को ही फायदा होना था। 
 
  मेवात उपायुक्त ने तहसीलदार की जांच रिपोर्ट के आधार पर पटवारी अशोक कुमार को तो चार्जशीट कर दिया लेकिन साजिशकर्ता रहमान के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं दूसरे पक्ष रहमान की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
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