नई दिल्ली / लंदन: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी, 2017 के फाइनल मैच में इंडिया की टीम की उम्मीद पर पानी फेरते हुए पाकिस्तान ने बुरी तरह हरा दिया. इस मैच में पकिस्तान ने भारत को 180 रन से करारी मात दी और पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमा लिया. विराट कोहली की कप्तानी में अब तक की सफलता कड़ी में यह मैच एक ब्लैक स्पॉट की तरह अंकित हो गया.
उल्लेखनीय है कि कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम पहली बार आईसीसी का टूर्नामेंट खेली और फाइनल से पहले तक का सफर शानदार रहा. आज के खिताबी मुकाबले में टीम भरभरा गुई. वर्ष 2013 में जीते चैंपियन के खिताब अपने पास बचाए रखने में असफल हो गया.
पाकिस्तान की ओर से रखे गए 339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया की पारी आश्चर्यजनक रूप से केवल 30.3 ओवर में 158 रन बनाकर पवेलियन वापस हो गई. टीमे के एक मात्र सदस्य हार्दिक पांड्या ने 76 रन जिसमें 43 गेंद, 4 चौके, 6 छक्के शामिल हैं की तूफानी पारी खलेते हुए अपने डीएम ख़म का परिचय दिया. पांड्या ने 32 गेंदों में अर्धशतक बनाया.
इससे पूर्व भारत ने टॉस जीत कर पहले फील्डिंग करने का निर्णय लिया और पाकिस्तान ने बैटिंग करते हुए 50 ओवर में 4 विकेट पर 338 रन बना लिए. पाकिस्तान की ओर से फखर जमां ने 114 रन बनाए . गेंदबाजी में भी पाक ने अपना जौहर दिखाया . मोहम्मद आमिर और हसन अली ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि शादाब खान ने दो विकेट और जुनैद खान ने एक विकेट चटकाया.भारत का एक बल्लेबाज हार्दिक पांड्या रनआउट हुआ.
इस मैच में हार के बावजूद टूर्नामेंट में कुल 338 रन बनाने वाले शिखर धवन को गोल्डन बैट मिला. सबसे अधिक 13 विकेट लेने वाले पाक गेंदबाज हसन अली को गोल्डन बॉल अवॉर्ड मिला. हसन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी मिला. फखर जमां को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया.
आज मैच के आरम्भ में ही इंडिया ने पहला विकेट शून्य पर खो दिया. रोहित शर्मा तीसरी गेंद पर चलते बने. फिर विराट कोहली भी पांच रन पर पवेलियन लौट गए. कोहली को जीवनदान भी मिला, लेकिन फायदा नहीं उठा पाए. छह रन तक ही दो विकेट गिर गए . भारत ने 33 रन पर तीसरा विकेट शिखर धवन के रूप में खोया जो केवल 21 रन बना पाया. युवराज सिंह ने 22 रन बनाया जबकि एमएस धोनी चार रन पर सिमित रहे. हार्दिक पांड्या ने रवींद्र जडेजा के साथ आठवें विकेट के लिए 80 रन जोड़े. जडेजा की गलतियों से वह रनआउट हो गया. भारतीय बल्लेबाजों का क्रम ढहता चला गया और दूसरी बार ट्रॉफी जीतने का सपना धरा रह गया.