कैप्टन अमरिंदर ने लिया 102 खदानों की ई-नीलामी का निर्णय

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चंडीगढ़, 6 मई: राज्य के हाल के इतिहास में पहली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुये राज्य में रेज-बज़री की कमी से निपटने और बढ़ रही कीमतों को रोकने के लिये 102 खदानों की ई-नीलामी द्वारा वार्षिक अतिरिक्त 2 करोड़ टन रेत-बजरी जारी करने का फैसला किया है। 

आज यहां सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस फैसले से खनन व्यापार को बड़ा प्रौत्साहन मिलने के साथ-साथ सरकारी खजाने में कई गुणा बढ़ौतरी होगी। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इससे राज्य को लगभग 300 से 350 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है। राज्य में गैर कानूनी खनन के कारण इस समय सरकारी खज़ाने को खनन व्यापार से 45 करोड़ रुपये ही हासिल हो रहें हैं। प्रवक्ता ने आगे बताया कि खदाने अलॉट करने संबंधी ई-नीलामी की अधिसूचना वीरवार को जारी की जा चुकी है। यह नीलामी ऑनलाइन होगी ताकि नीलामी की प्रणाली में भरोसा और पारदर्शिता को बहाल किया जा सके। यह फैसला कांग्रेस सरकार की उचित दरों पर रेत बजरी मुहैया करवाने की नीति का हिस्सा है। इसका उद्धेश्य खनन व्यापार पर नियंत्रण द्वारा लोगों को अधिक से अधिक सुविधा मुहैया करवाना है। 

प्रवक्ता अनुसार 102 खदानें राज्य के 14 जिलों में स्थित हैं जिनकी वार्षिक दो करोड़ टन की क्षमता है और इनको 170 करोड़ रुपये के आरक्षित कीमत पर नीलाम किया जायेगा। 

प्रवक्ता ने बताया कि इन खदानों के लिये ई-नीलामी पंजाब इंफोटेक द्वारा 19 एवं 20 मई को पंजीकृत बोलीकारों के लिये करवाई जायेगी। इंफोटेक द्वारा ई-नीलामी अपनी तकनीकी भागीदार आई टी आई लि. द्वारा मुहैया करवाये गये डिजीटल पलेटफार्म द्वारा करवाई जायेगी। बोलीकारों के लिये पंजीकरण की सुविधा पंजाब इंफोटेक और आई टी आई द्वारा 8 एवं 9 मई को एक प्रस्तुति प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाया जायेगा। आई अी आई लि. भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र का संस्थान है। बोलीकारों को स्वयं को ऑनलाइन पंजीकृत करवाना पड़ेगा और ई-पेमेंट द्वारा आवश्यक बयाना राशि जमा करवानी पड़ेगी जोकि असफल बोलीकारों को वापिस कर दी जायेगी। इसका उद्धेश्य प्रक्रिया में पारदर्शिता को विश्वसनीय बनाना है। बोलीकारों को सुविधा एवं सहायता प्रदान करने के लिये एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया जायेगा। 

इन 102 खदानों द्वारा जारी की जाने वाली अतिरिक्त रेत इस समय चल रही 87 खदानों से अलग होगी जिनकी कुल क्षमता 1 करोड़ टन है। इसके साथ राज्य में मांग एवं आपूर्ति की दरार को भरने में मदद मिलने के अतिरिक्त इससे रेत की कीमतों में बढ़ौतरी पर भी रोक लगेगी। इसके साथ अवैध खनन रोके जाने को यकीनी बनाया जा सकेगा जोकि गत् सरकार के शासन के दौरान बहुत अधिक बढ़ गया था। 

इन 102 वैध खदानों के आरंभ होने से बड़ी मात्रा में रेत मुहैया होगी जिससे ना केवल मौजूदा दो करोड़ की अनुमानित मांग से निपटा जा सकेगा बल्कि इससे भविष्य में पैदा होने वाली अतिरिक्त मांग से भी निपटा जा सकेगा। प्रवक्ता अनुसार एक कदम और आगे बढ़ाते हुये सरकार आपूर्ति के प्रबंधन के लिये इसी नीति को अपनायेगी और राज्य में बढ़ रही मांग के मद्देनज़र लगातार और रेत को भी निरंतर जारी करेगी। 

प्रवक्ता अनुसार डायरैक्टोरेट ऑफ माइनिंग एंड इंडस्ट्री एंड कॉमर्स विभाग गैर कानूनी खनन रोकने के लिये कठोर कदम उठाये जाने के लिये भी कार्य कर रहें हैं। इन्होंने इसके व्यापार में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये ठोस तकनीकी पहलकदमियां अमल में लाने की योजना भी बनाई है। विभाग द्वारा इन माडर्न पर्ची और ट्रैकिंग सिस्टम को अमल में लाने और नियमों को कठोरता से पालन के लिये कदम उठाये जा रहें हैं ताकि अवैध खदानें प्रयोगहीन होने के अतिरिक्त कानूनी खदानों की संख्या बढ़ाने को विश्वसनीय बनाया जा सके।

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