धरातल पर दिखा सरकार की घोषनाओं को असर

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झज्जर में सरकारी स्क्ूल की अनोखी पहल
 
गुड्डा गांव के सरकारी स्क्ूल के प्राचार्य ने की पहल
 
अपने दो बच्चो को सरकारी स्क्ूल में दाखिला दिलवाकर दी मिशाल
 
झज्जर के गुडडा गांव स्थित राजकीय सीनियर सकैंडरी स्क्ूल 
 
अन्य स्टाफ सदस्यों ने भी प्रिंसीपल से ली प्रेरणा, अपने बच्चों को भी कराऐंगे सरकारी स्क्ूल में दाखिल
 
 
 
सरकारी स्क्ूलो के गिरते ग्राफ व स्कूलो में बच्चों की संख्या कम होने के चलते जहां एक तरफ सकरार स्कूलो को बढावा देने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। वही अब इस मुहिम में स्वयं सरकारी स्क्ूलो के प्राचर्य भी सरीख हो गए है। ऐसी ही एक पहल देखने में आई झज्जर के राजकीय सीनीयर सकेंडरी स्कूल गुड्डा की। जहां स्क्ूल के प्राचार्य रामभगत सिंह ने एक अच्छी पहल करते हुए अपने दो बच्चों का प्राइवेट स्कूल से नाम हटाकर सरकारी स्कूल दाखिल कराया है। अक्सर देखा जाता है टीवी चैनल इस तरह की खबरो से किनारा करते है, लेकिन हमारी हमेशा से सोच रहती है कि देशहीत और अच्छे कदम को आगे लगाकर समाज में जागरूकता लाई जाए।  हमारे संवाददाता सनी खन्ना ने इस पहल की मौके पर जाकर ग्रांउड रिपोर्टिंग की। स्कूल प्राचार्य की इस पहल जहां पूरे देश में एक अच्छा संदेश दिया गया है। स्कूल प्राचार्य की इस पहल से स्टाफ के अन्य सदस्यों ने भी प्रेरणा लेते हुए अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढाने का निर्णय लिया। तो कहा जा सकता है कि धीरे-धीरे हम अच्छे दिनो की ओर अग्रसर हो रहे है। अब ऐसा लगने लग रहा है कि प्रधानीमंत्री जी की सोच गरीब-अमीरी के बीच फैली खाई दूर होती नजर आने लगी है। 
 
 
बात की जाए इस स्कूल की तो झज्जर से मात्र तीन किलोमीटर दूर गांव गुड्डा में ये स्कूल कक्षा 12वी तक है। जिसमें कक्षा पहली से लेकर 12वी तक 200 छात्र-छात्राएं है। छात्रो की पढाई के लिए 23 अध्यापको का स्टाफ है। स्कूल स्टाफ की यहा कमी देखी गई। विशेषकर प्राईमरी कक्षा के बच्चों का यहां स्टाफ नही देखा गया, लेकिन इस स्क्ूल के स्टाफ सदस्यों की अच्छी सोच के चलते यहा एक ओर अच्छी पहल देखी गई। स्कूल के लेक्चचरार ने स्वयं बेडा उठाते हुए अपने समय में से समय निकलते हुए प्राईमरी स्कूल के बच्चों को स्वयं पढाना शुरू कर दिया। प्राईमरी कक्षाओं के बच्चों को स्टाफ की कमी नही महसूस होने दी। स्वयं प्राचार्य डा.रामभगत शास्त्री, लैक्चरार दीपक अरोडा, जीतन्द्र गौतम, केसी शुक्ला, जगपाल, मैथ मास्टर बेडा सिंह, साईंस मास्टर रामराज, एसएस मास्टर कुलदीप नेहरा, संजय शर्मा, मित्रदत, वीरपाल , बबली, शंकुतला सहित तमाम लेक्चचरार अपने वेकेंट पीरियड में प्राईमारी कक्षा के बच्चों को पढाते है। 
 
 
स्कूल प्राचार्य रामभगत का कहना है कि सरकारी स्कूलो को बढावा देने के लिए सरकार हर स्तर पर प्रयास करती है। लेकिन देखा हम खुद सरकारी की उस मुहिम को अच्छे से फोलो नही करते। प्राइवेट स्कूलो में अपने बच्चों को पढाने से लोग अपने आपको हाई लेवल का समझते है। इस सोच को खत्म करने के लिए उन्होने अपने बच्चो को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया है। तीन साल की बेटी रौनक को नर्सरी व छह साल के बेटे हिमाशुं को दुसरी कक्षा में दाखिल कराया है। प्राचार्य की माने तो जब तक स्वयं स्कूल स्टाफ सदस्य या प्राचार्य अपने बच्चों को सरकारी स्क्ूलो में दाखिल नही कराएंगे तो आम लोगो को कैसे विश्वास होगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी टीचर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलो में पढाए और सरकार की शिक्षा नीति को अच्छे अमलीजामा पहनाए। वही प्राचार्य की इस पहल से स्टाफ के अन्य सदस्य भी काफी प्रभावित है। मैथ टीचर बेडा सिंह का कहना है कि प्राचार्य की ये पहल अपने आप में सराहनीय कदम है और इस कदम से अन्य स्टाफ सदस्य भी प्रेरणा लेकर अपने बच्चो को सरकारी स्क्ूल में दाखिल कराऐेेंगे। 
 
 
गांव गुड्डा के प्राचार्य रामभगत ने एक अच्छी पहल कर समाज को एक अच्छा संदेश जरूर दिया है, लेनिक देखने वाली बात ये है कि इस संदेश को कितने लोग फोलो करते है। इस संदेश को आम जनता, अध्यापक वर्ग यहां तक सफेदपोश नेताओ को भी अपनाना चाहिए ताकि दिन पर दिन गिरते जा रहे सरकारी स्कूलो के स्तर को उठाया जा सके।

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